महाराजगंज (उत्तर प्रदेश), 19 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत-नेपाल और भारत-भूटान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 20 दिसंबर को अपना 61वां स्थापना दिवस मनाएगा। इससे पहले देश की सुरक्षा में तैनात जवानों ने गुरुवार को अपने कार्य और संसाधनों के बारे में छात्रों को जानकारी दी।
सशस्त्र सीमा बल के 61वें स्थापना दिवस को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। भारत-नेपाल और भारत-भूटान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जवान पूरी तरह मुस्तैद होकर देश की सेवा करते हैं। ड्यूटी के दौरान जवान किन संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, तमाम परिस्थितियों से निपटने के लिए वे कैसे तैयारी करते हैं, इन सभी बातों को गुरुवार को उन्होंने छात्रों के साथ शेयर किया। सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने अपने संसाधनों को एक स्किल्ड एक्सपोजर के दौरान नौतनवा राजीव गांधी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में पढ़ने वाले छात्रों के साथ साझा किया है।
66वीं बटालियन कमांडेंट जगदीश प्रसाद धवाई के नेतृत्व में डंडा हेड कैंप पर छात्रों के साथ जवानों ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने कार्यों और संसाधनों को लेकर जानकारी का आदान-प्रदान किया। जवानों ने बताया कि बॉर्डर की सुरक्षा में जवानों को सरकार से क्या-क्या संसाधन मिले हैं और उन संसाधनों का इस्तेमाल सशस्त्र सीमा बल के जवान देश विरोधी तत्वों से निपटने के साथ ही साथ अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए किस तरह से करते हैं।
शिक्षक डॉ. छाया साहू ने सशस्त्र सीमा बल के 61वें स्थापना दिवस पर जवानों को बधाई देते हुए बताया, “हमारे अंदर भी इसको लेकर काफी उत्सुकता थी कि ये लोग किस तरीके से काम करते हैं, जिसके बारे में हमारे छात्रों को जानकारी मिली। उनके हथियार के विषय में भी हमें जानकारी मिली। डॉग शो को भी हमने देखा और समझा कि वे कैसे हिस्सा लेते हैं। हमारे छात्रों ने बहुत ही रुचि से उनके बारे में जानकारी ली और बहुत ही अच्छा अनुभव रहा।
एक छात्र ने बताया, “सशस्त्र सीमा बल के 61वें स्थापना दिवस के मौके पर हमें आने का मौका मिला। एसएसबी बॉर्डर पर कैसे कार्य करती है, इस विषय के बारे में हमें जानकारी मिली। उनके हथियारों के बारे में भी जानकारी मिली।”
–आईएएनएस
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