लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
–आईएएनएस
एसएचके/केआर
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लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
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डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
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उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
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लखनऊ , 3 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर के भगवान राम पर दिए विवादित बयान पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। पातालपुरी पीठाधीश्वर के अध्यक्ष महंत बालक दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं । जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं। इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें। इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है। ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो। बता दें कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।