पन्ना. जिले के धरमपुर थाना अन्तर्गत ग्राम सहपुर के अनुसूचित जाति के एक परिवार द्वारा दो लोगो की झूठी शिकायत करते हुए अनुसूचित जाति जनजाति थाना पन्ना में मामला दर्ज कराया गया है. एससी एसटी एक्ट, जिसको लेकर पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर मामले की निश्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है. ज्ञात हो कि धरमपुर थाना अन्तर्गत ग्राम साहपुर के निवासी दयाराम आरख, पिता देवीदीन आरख, राम नरेश आरख तथा उनकी मॉ संतु बाई आरख के द्वारा थाना में झूठा मामला मारपीट का दर्ज कराया गया है.
जिसको लेकर पीड़ित संदीप शुक्ला प्रदीप शुक्ला द्वारा मामले को झूठा बताते हुए निष्पक्ष जांच कराने पुलिस अधीक्षक से मांग की गई थी. जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच के आदेश दिये गयें. आवेदन में उल्लेख किया गया है कि संबंधितो द्वारा पूर्व में भी झूठी शिकायते की गई थी, जिसकी भी जांच हो चुकी है, गौरतलब है कि उक्त लोगो द्वारा इस लिए झूठे मामले दर्ज कराये जाते है क्योकि संबंधित मामलो में शासन द्वारा मुआवजा राशि दी जाती है.
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि आरख जाति के लोग एससी एसटी वर्ग में नहीं आते है, उक्त लोग अधिकांश उत्तर प्रदेश के है, जो पिछडा वर्ग के श्रेणी मे आते है, लेकिन मध्य प्रदेश में कुछ जिलो में उक्त जाति के लोगो को आरक्षण दिया गया है, जिसका दुरपयोग हो रहा है. पीड़ित आवेदक संदीप शुक्ला द्वारा यह भी उल्लेख किया गया कि मेरे गाँव ग्राम शहपूरा के निवासी दयाराम आरख पिता देवीदीन आरख, रामनरेश आरख व संतु आरख के द्वारा गॉव मे दिनांक 07.07.2024 को गाली गलोज व शांति भंग की जा रही थी.
तो उक्त मामले को लेकर दयाराम आरख जो ग्राम कोटवार के पद पर पदस्थ था उसकी शिकायत जिला कलेक्टर को दिनांक 12.07.2024 को की गई थी. तथा कार्यवाही की मांग की गई थी. शिकायत की जांच कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार द्वारा करते हुए आदेश क्रमांक 0001/अ-56/2024-25 को आदेश पारित करते हुये दोषी पाये जाने के कारण दयाराम आरख पिता देवीदीन आरख को ग्राम कोटवार के पद से प्रथक कर दिया गया था. इसके बाद उक्त लोगो द्वारा दिनांक 07.09.2024 को दयाराम आरख व उसका भाई रामनरेश आरख एवं मॉ संतु आरख के द्वारा मेरे घर आ कर दरवाजे मे खडे हो कर बुरी-बुरी गांलिया एवं जान से मारने की धमकी दी थी.
जिस पर मेरे भाई प्रदीप शुक्ला के द्वारा तीनो लोगो के विरूध धरमपुर थाना मे अपराध क्रमांक 0227 धारा 296, 351 (2)-3(5) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद दयाराम आरख भाई रामनरेश आरख व मॉ संतु आरख के द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराने की पुनः धमकी दी जा रही थी जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक पन्ना के समक्ष दिनांक 18.09.2024 को की गई थी जिस पर मेरे द्वारा स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि मुझ प्रार्थी संदीप कुमार शुक्ला व मेरे भाई एवं परिजनो के विरूध उक्त लोगो द्वारा झूठे मुकदमा दर्ज करवा रहें है. जिसकी निष्पक्षता से जाँच कराई जायें.
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया था कि रामनेरश आरख के द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे तहसील कार्यालय से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करवा रहा है. जिसकी शिकायत दिनांक 19.12.2024 को मेरे द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) व तहसीलदार एव नायब तहसीलदार मण्डल बीरा से की थी जिसमे मेरे द्वारा स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि रामनरेश आरख के द्वारा सन् 1950 का दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है जिसकी गंभीरता से जॉच कर जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाये.
इन तमाम बातो को लेकर संबंधितो द्वारा झूठी शिकायत करके मामला दर्ज कराया गया है. फिलहाल पीडित पक्ष द्वारा दिये गयें आवेदन की जांच के आदेश पुलिस अधीक्षक द्वारा अजाक थाना के डीएसपी कसे दिये गयें है.
इनका कहना हैः-संबंधित मामले में एससी एसटी एक्ट के तहत दो लोगो के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, लेकिन माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय को पीड़ित पक्ष द्वारा ही आवेदन दिया गया है, तथा विवेचना के दौरान जो भी तथ्य आयेगें उसके बाद आंगे की कार्यवाही की जायेगी.