नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
–आईएएनएस
एएस/
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
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शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
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शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
–आईएएनएस
एएस/
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक और अरबपति उद्योगपति शशिकांत रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मंगलवार को एस्सार ग्रुप ने इस दुखद खबर की पुष्टि की।
रुइया और एस्सार परिवार ने एक बयान में कहा, “हमें भारी दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि श्री शशिकांत रुइया, रुइया और एस्सार परिवार के प्रमुख, अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने समाज सेवा और परोपकार के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ और गहरी छाप छोड़ी।”
बयान में आगे कहा गया, “उनकी विनम्रता, सादगी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें एक असाधारण लीडर बनाया। भारत के कॉरपोरेट जगत को नई दिशा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही।”
शशिकांत रुइया ने एस्सार ग्रुप की नींव रखकर इसे एक वैश्विक संगठन में बदल दिया।
कंपनी ने कहा, “शशिकांत रुइया की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके विचारों और मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।”
शशि रुइया का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा।
वह पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे। 1965 में उन्होंने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी।
शशिकांत रुइया प्रधानमंत्री के इंडो-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के सदस्य भी थे। इसके अलावा, वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की प्रबंधन समिति, इंडो-यूएस जॉइंट बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड को रुइया बंधुओं ने सह-स्थापित किया था और यह वर्तमान में 14 डॉलर बिलियन का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करती है।