मेलबर्न, 8 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया में बुजुर्गों की देखभाल करने वाली एक 23 वर्षीय भारतीय महिला को चोरी का दोषी ठहराते हुये उसके पेशे से 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। उस पर आरोप था कि उसने अपने वृद्ध क्लाइंटों के डेबिट कार्ड से हजारों डॉलर की लक्जरी वस्तुएं खरीदी थीं।
द डेली टेलीग्राफ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अशप्रीत कौर ने सोमवार को गीलॉन्ग मजिस्ट्रेट की अदालत में चोरी के दो मामलों और धोखे से संपत्ति प्राप्त करने के 11 मामलों में अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
अदालत को बताया गया कि कौर फरवरी 2023 तक गीलॉन्ग रिटायरमेंट विलिज में व्यक्तिगत केयरटेकर के रूप में कार्यरत थीं। वह छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में थीं।
इस दौरान, उसने 86 वर्षीय अल्जाइमर रोगी के बैंक कार्ड का उपयोग महंगे डिपार्टमेंटल स्टोर से सौंदर्य प्रसाधन खरीदने के लिए किया। उसने 1,700 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की खरीदारी की जिसमें अन्य वस्तुओं के साथ 725 ऑस्ट्रलियाई डॉलर मूल्य की एक घड़ी भी शामिल है।
कौर को बुजुर्ग मरीज की बेटी ने पकड़ा, जिसने अपनी मां के बैंक स्टेटमेंट में संदिग्ध लेनदेन देखा।
इसके अलावा, कौर ने एक 95 वर्षीय बुजुर्ग का बैंक कार्ड चुरा लिया और इत्र, सौंदर्य उत्पाद, कपड़े, टेकअवे भोजन सहित अनेक मदों में पांच हजार डॉलर से अधिक की खरीदारी की। उसने सार्वजनिक परिवहन में उपयोग करने के लिए अपने मायकी कार्ड में बुजुर्ग के कार्ड से पैसे भी जोड़े। .
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने 13 मार्च को कौर के घर पर छापा मारा, जहां उसके द्वारा खरीदी गई कुछ चीजें मिलीं।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने अदालत को बताया कि शुरुआती पूछताछ में कौर ने अपनी ओर से किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया था, लेकिन बाद में सबूत पेश किए जाने के बाद उन्होंने अपराध कबूल कर लिया।
मजिस्ट्रेट जॉन बेंटले ने कहा कि कौर की हरकतें “जितनी कम हो सकती हैं” थीं, और उनसे अपने ग्राहकों से चुराए गए 7,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा।
द टेलीग्राफ में मजिस्ट्रेट बेंटले के हवाले से कहा गया, “यह समाज के सबसे कमजोर सदस्यों के विश्वास का उल्लंघन है… महिलाओं में से एक को अलजाइमर था… यह विश्वास का घोर उल्लंघन है।”
कौर के वकील गुरपाल सिंह ने अदालत को बताया कि वह छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में थी और उस पर पहले कोई दोषसिद्धि नहीं थी।
समाचार रिपोर्ट के अनुसार, सिंह ने न्यायाधीश को अपने मुवक्किल के खिलाफ दोषसिद्धि दर्ज करने से रोकने के लिए दबाव डालने की कोशिश में एक मनोवैज्ञानिक की रिपोर्ट भी पेश की।
बेंटले ने कहा कि यह “बहुत गंभीर” था और कौर को जेल जाने से बचना है तो उसे पूरा पैसा लौटाना होगा अन्यथा उसे “जेल भेज दिया जायेगा”।
बेंटले ने कहा, “वह अपने लिए विलासिता की वस्तुएं खरीद रही थी। वह ठीक-ठीक जानती थी कि वह क्या कर रही है।”
कौर को चुराए गए पैसे चुकाने के लिए एक महीने का समय दिया गया है और 12 महीने के सामुदायिक सुधार आदेश (सीसीओ) के हिस्से के रूप में 250 घंटे का सामुदायिक कार्य पूरा करने का आदेश दिया गया है।
वृद्ध देखभाल गुणवत्ता और सुरक्षा आयोग ने इस साल अगस्त में कौर पर 10 साल के लिए किसी भी प्रकार की वृद्ध देखभाल के प्रावधान में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
–आईएएनएस
एकेजे