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Home ताज़ा समाचार

ऑस्ट्रेलिया: भारत के पूर्व उच्चायुक्त को घरेलू नौकरानी के शोषण मामले में मुआवजा देने का आदेश

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November 6, 2023
in ताज़ा समाचार
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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

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अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

एकेजे

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

एकेजे

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

एकेजे

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

एकेजे

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

–आईएएनएस

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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मेलबर्न, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी से एक पूर्व घरेलू नौकरानी को मुआवजा देने को कहा है। आरोप था कि उसे सप्ताह के सातों दिन 17.5 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और प्रति दिन केवल नौ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान किया जाता था।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया।

अदालत को बताया गया कि शेरगिल को कुल मिलाकर अपने 13 महीने के काम के लिए लगभग 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले, जिसमें घर की सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और सूरी के कुत्ते को घुमाना शामिल था।

शेरगिल को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता प्रदान की गई थी। उसने बताया कि आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्‍मेदारी उसी पर थी।

उसने अदालत को बताया कि सूरी की पत्नी “बहुत ज़्यादा की अपेक्षा करने वाली” थी।

एबीसी न्यूज ने शेरगिल के हवाले से कहा, “वह अक्सर मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए कहती थी और मुझसे कहा करती थी कि मैं बहुत ज्‍यादा पैसे ले रही हूं, वगैरह-वगैरह।”

वह मई 2016 में अपना कोई भी सामान लिए बिना घर से भाग गई और ऑस्ट्रेलियाई नियामक प्राधिकरण, फेयर वर्क ओम्बड्समैन के पास पहुंची, जिसने उसे साल्वेशन आर्मी के संपर्क में रखा।

संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने पाया कि सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने सूरी को अवैतनिक वेतन और अनुचित कामकाजी परिस्थितियों के मुआवजे के रूप में 60 दिनों के भीतर शेरगिल को 1,36,000 ऑस्‍ट्रलियाई डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “उसका पासपोर्ट उससे ले लिया गया था। वह सप्ताह में सातों दिन काम करती थी। उसे कभी छुट्टी लेने की अनुमति नहीं थी। श्री सूरी के कुत्ते की देखभाल के लिए उसे दिन में केवल कुछ समय के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति थी।”

इसके अलावा, जस्टिस रैपर ने यह भी पाया कि सूरी विदेशी राष्‍ट्र प्रतिरक्षा का दावा नहीं कर सकते थे, क्योंकि शेरगिल ने उच्चायोग के लिए काम नहीं किया था।

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