नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया में एक सिख टैक्सी ड्राइवर ने अपनी नेकदिली की मिसाल पेश की। कैब की पिछली सीट पर उसे एक यात्री के छूटे लगभग 8,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (4.53 लाख रुपये) मिले, जो उसने बेहिचक लौटा दिए।
मेलबर्न में तीन दशकों से अधिक समय से टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर रहे चरणजीत सिंह अटवाल ने @bramalea.rd के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि जैसे ही उसे पैसे मिले, उसने पुलिस को सौंप दिए।
नेक आदमी ने कहा कि नकदी रख लेने का विचार उसके दिमाग में बिल्कुल नहीं आया। वह अपनी कार में यात्रियों द्वारा छोड़ी गई चीजें कभी अपने पास नहीं रखता।
जब उससे पूछा गया कि क्या उसे उस यात्री से इनाम मिला है, तो उसने कहा, “नहीं, मुझे इनाम की जरूरत नहीं है।”
यह कहानी जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, नेटिज़न्स ने अटवाल की सराहना करते हुए लिखा, “सिंह इज किंग।”
एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, “वह धन्य हैं, और उनकी ईमानदारी और अच्छे काम के बदले उन्हें दस गुना वापस मिलेंगे।”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “जब मैं पंजाबियों के बारे में सुनता हूं तो हमेशा अच्छे कर्म, सामाजिक सेवाएं और भोजन साझा करना वगैरह ही दिमाग में आता है, मैं उम्मीद करता हूं और कामना करता हूं कि यह ऐसा ही बना रहे।”
इस साल की शुरुआत में ब्रिस्बेन के एक भारतीय ट्रॉली पुशर की ईमानदारी के लिए सराहना की गई थी, क्योंकि उसने यात्री का खोया हुआ हैंडबैग वापस कर दिया था, जिसमें उसका बटुआ, मोबाइल फोन और नकदी थी।
ट्रॉली पुशर बेअंत सिंह को उनके कृत्य के लिए नकद इनाम की पेशकश की गई, लेकिन उसने कहा, “मैं अपना फर्ज निभाने के लिए कोई इनाम नहीं ले सकता।”
–आईएएनएस
एसजीके
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया में एक सिख टैक्सी ड्राइवर ने अपनी नेकदिली की मिसाल पेश की। कैब की पिछली सीट पर उसे एक यात्री के छूटे लगभग 8,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (4.53 लाख रुपये) मिले, जो उसने बेहिचक लौटा दिए।
मेलबर्न में तीन दशकों से अधिक समय से टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर रहे चरणजीत सिंह अटवाल ने @bramalea.rd के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि जैसे ही उसे पैसे मिले, उसने पुलिस को सौंप दिए।
नेक आदमी ने कहा कि नकदी रख लेने का विचार उसके दिमाग में बिल्कुल नहीं आया। वह अपनी कार में यात्रियों द्वारा छोड़ी गई चीजें कभी अपने पास नहीं रखता।
जब उससे पूछा गया कि क्या उसे उस यात्री से इनाम मिला है, तो उसने कहा, “नहीं, मुझे इनाम की जरूरत नहीं है।”
यह कहानी जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, नेटिज़न्स ने अटवाल की सराहना करते हुए लिखा, “सिंह इज किंग।”
एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, “वह धन्य हैं, और उनकी ईमानदारी और अच्छे काम के बदले उन्हें दस गुना वापस मिलेंगे।”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “जब मैं पंजाबियों के बारे में सुनता हूं तो हमेशा अच्छे कर्म, सामाजिक सेवाएं और भोजन साझा करना वगैरह ही दिमाग में आता है, मैं उम्मीद करता हूं और कामना करता हूं कि यह ऐसा ही बना रहे।”
इस साल की शुरुआत में ब्रिस्बेन के एक भारतीय ट्रॉली पुशर की ईमानदारी के लिए सराहना की गई थी, क्योंकि उसने यात्री का खोया हुआ हैंडबैग वापस कर दिया था, जिसमें उसका बटुआ, मोबाइल फोन और नकदी थी।
ट्रॉली पुशर बेअंत सिंह को उनके कृत्य के लिए नकद इनाम की पेशकश की गई, लेकिन उसने कहा, “मैं अपना फर्ज निभाने के लिए कोई इनाम नहीं ले सकता।”
–आईएएनएस
एसजीके