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Home राष्ट्रीय

ओडिशा: ईओडब्ल्यू ने नौ करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में बिल्डर को किया गिरफ्तार

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June 1, 2023
in राष्ट्रीय
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भुवनेश्वर, 1 जून (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक सरोज कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है।

पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

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पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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भुवनेश्वर, 1 जून (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक सरोज कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है।

पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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भुवनेश्वर, 1 जून (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक सरोज कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है।

पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

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भुवनेश्वर, 1 जून (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक सरोज कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है।

पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

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इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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भुवनेश्वर, 1 जून (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक सरोज कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है।

पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

–आईएएनएस

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

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आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

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इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

फर्म और उसके निदेशकों के खिलाफ विभिन्न थानों में 10 और मामले लंबित हैं।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

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इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

इसके बाद मां बसुधा होम्स ने भूमि मालिकों के हिस्से को छोड़कर वाणिज्यिक इकाइयों के विकास, निर्माण, विपणन और बुकिंग की राश िस्वीकार करने के लिए रियल एस्टेट कंपनी के साथ एक सहयोग समझौता किया।

अधिकारियों ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनी ने 2013-20 के बीच बुकिंग की राशि के रूप में 129 कमर्शियल यूनिट की बिक्री के लिए नौ करोड़ रुपये लिए लेकिन बसुधा होम्स प्रोजेक्ट को वह पैसा नहीं दिया और न ही ग्राहकों को बुकिंग का पैसा लौटाया।

ईओडब्ल्यू ने पाया कि कंपनी ने अधिकांश वाणिज्यिक इकाइयों के संबंध में कई लेनदेन किए हैं। साथ ही उसने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की मंजूरी के बिना उक्त परिसर में तीसरी मंजिल का निर्माण किया और उस मंजिल में वाणिज्यिक इकाइयों को उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ग्राहकों से बुकिंग राशि भी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने पांच भूमि मालिकों को उनके हिस्से की वाणिज्यिक इकाइयां देने में भी धोखा दिया और बदले में उनके हिस्से की इकाइयों के एवज में बुकिंग राशि भी प्राप्त कर ली।

इससे पहले, ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों मनोज कुमार पांडा और अरबिंदा संतारा को विभिन्न निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए उनके गणपति होम्स प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी सरोज कुमार पांडा दोनों ही मामलों में शामिल था और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए फरार हो गया था।

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पांडा को कोरापुट जिले के जयपुर से गिरफ्तार किया गया और भुवनेश्वर लाया गया। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा होम्स एंड कमर्शियल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भुवनेश्वर के अशोक नगर में कमर्शियल यूनिट देने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कराया गया था।

पांच लोगों ने 2012 में अपनी जमीन पर लागत साझा करने की शर्त पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित मां बसुधा होम्स के साथ समझौता किया और पावर ऑफ अटॉर्नी किया। मां बसुधा होम्स का प्रतिनिधित्व उसकी मालकिन स्निग्धा प्रधान ने किया।

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