भुवनेश्वर, 6 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय खो-खो टीम के लिए तीन साल के प्रायोजन सौदे की घोषणा की, जो देश में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घोषणा की कि राज्य जनवरी 2025 से दिसंबर 2027 तक सालाना 5 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिसका वित्तपोषण ओडिशा खनन निगम के माध्यम से किया जाएगा।
15 करोड़ रुपये का कुल प्रायोजन पैकेज भारतीय हॉकी के साथ अपनी सफल साझेदारी के बाद खेल विकास के लिए ओडिशा की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य खो-खो की स्थिति को ऊपर उठाना और राष्ट्रीय टीम को आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “यह भारत में खो-खो के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। अपने स्वदेशी खेलों का समर्थन करके, हम न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि अपने एथलीटों के लिए नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं। जिस तरह हमने भारतीय हॉकी को बदला है, उसी तरह हम खो-खो के लिए भी इसी तरह के पुनर्जागरण की कल्पना करते हैं, जिससे ओडिशा को खेल उत्कृष्टता के लिए उत्प्रेरक के रूप में स्थापित किया जा सके।”
खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, “खो-खो के प्रति ओडिशा की प्रतिबद्धता इस पारंपरिक खेल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह प्रायोजन विश्व स्तरीय एथलीटों को विकसित करने और वैश्विक मंच पर खो-खो को बढ़ावा देने की हमारी क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।”
प्रायोजन टीम के विकास, प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगा। अधिकारियों ने कहा कि यह साझेदारी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में ओडिशा के लिए मूल्यवान ब्रांडिंग के अवसर भी प्रदान करेगी।
–आईएएनएस
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