भुवनेश्वर, 15 फरवरी (आईएएनएस)। ओडिशा विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत 13 फरवरी से हुई। शनिवार को सत्र का तीसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। भाजपा विधायकों ने इसका आरोप विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस पर लगाया, जबकि विपक्षी विधायकों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने का दोष सत्तारूढ़ भाजपा पर मढ़ा।
ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर कहा, “ओडिशा में धान की खरीद बहुत अच्छे तरीके से चल रही है। विपक्ष के आरोप निराधार हैं, किसान बहुत खुश हैं, कोई विसंगति नहीं है और अगर कोई आरोप आ रहा है तो सरकार तुरंत कार्रवाई कर रही है।”
उन्होंने ई-केवाईसी के बारे में कहा,”खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कुल 97.77 लाख परिवार पंजीकृत हैं, जिनमें 3.32 करोड़ सदस्य हैं। अब तक 2.99 करोड़ लाभार्थियों ने अपना ई-केवाईसी पूरा कर लिया है, जो 90 प्रतिशत है। सरकार ने शुरू में 15 फरवरी की समयसीमा तय की थी। हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि 341 केंद्रों में नेटवर्क संबंधी समस्याएं थीं, जिससे ई-केवाईसी पूरा नहीं हो पाया। इनमें से 230 केंद्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं थी, जबकि 111 केंद्रों में इंटरनेट की गति धीमी थी। इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने ई-केवाईसी की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी है। नेटवर्क संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावित केंद्रों पर डिवाइस लगाए जाएंगे।”
भाजपा विधायक इरासिस आचार्य ने कहा, “मैं ओडिशा के धान के कटोरे बरगढ़ जिले से आता हूं। साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मेरे निर्वाचन क्षेत्र के सोहेला में जनसभा के दौरान किसानों को एमएसपी पर 100 रुपये बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन वे किसानों को बोनस देने में विफल रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान उसी स्थान पर आए थे और 3,100 रुपये एमएसपी की घोषणा की थी। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री मोहन माझी ने उसी स्थान पर सोहेला में एमएसपी पर 800 रुपये इनपुट सब्सिडी की घोषणा की। किसान खुश हैं, उन्हें बेहतर कीमत मिल रही है और मंडी में कोई समस्या नहीं है। हम सदन में हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा से कतरा रहा है, उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।”
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने पर कहा, “बीजद और भाजपा दोनों एक ही नाव पर सवार हैं। कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर चर्चा चाहती है, लेकिन कोई चर्चा नहीं हो रही है और बीजद भी व्यवधान पैदा कर रहा है।”
–आईएएनएस
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