मुंबई, 5 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी द्वारा मुगल शासक औरंगजेब को लेकर दिए बयान पर बयानबाजी जारी है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने अबू आजमी के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अबू आजमी ने दबाव में आकर माफी मांगी है।
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “अबू आजमी जैसे मुस्लिम नेता के दिमाग में इतना बड़ा पाप कैसे आता है। औरंगजेब एक अत्याचारी शासक था, जिसने मंदिर तोड़े और हमारे राजाओं पर अत्याचार किए। इतना ही नहीं, छत्रपति संभाजी महाराज को निर्दयता से मारा। साथ ही जजिया कर लगाया और हिंदुओं का धर्मांतरण कराया, उसके लिए एक भी शब्द अबू आजमी जैसे मुस्लिम नेताओं के दिमाग में कैसे आ सकता है। अबू आजमी ने माफी सिर्फ इसलिए मांगी, क्योंकि उन पर दबाव पड़ गया। मैं देश के मुसलमानों को बताना चाहूंगा कि उनके पूर्वजों का खून भी इस मिट्टी में मिला हुआ है। इसलिए इस मिट्टी के वीर राजाओं के शौर्य का सम्मान करना चाहिए।”
संजय निरुपम ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे झूठ बोलने के लिए कुख्यात हैं और अब मुस्लिम वोटों की चिंता में एक नया झूठ गढ़ रहे हैं। अबू आजमी के बयान की निंदा करने के बजाय वे उसे सही ठहराने में लगे हैं। उनकी समस्या यह है कि अगर वे अबू आजमी की आलोचना करेंगे तो औरंगजेब की निंदा करनी पड़ेगी, जिससे वे बचना चाहते हैं। शिवसेना (यूबीटी) के लोगों को मुस्लिम वोटों की चिंता है। दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि यहां के मुसलमान औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से मोहब्बत करते हैं, जबकि वे नफरत का पात्र हैं।
उन्होंने हिमाचल सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, “हिंदू मंदिरों की आमदनी मुख्य रूप से भक्तों के चढ़ावे से होती है, जिससे पुजारियों का भरण-पोषण और मंदिरों का विकास होता है। ऐसे में हिमाचल सरकार द्वारा मंदिरों से पैसा वसूलना एक गलत और निंदनीय फैसला है। यह निर्णय न केवल हिंदू धर्मस्थलों के सम्मान के खिलाफ है, बल्कि छोटे स्तर की सोच को दर्शाता है। सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।”
संजय निरुपम ने बीड के युवा सरपंच संतोष देशमुख की निर्मम हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, “बीड से सरपंच संतोष देशमुख की जिस तरह से हत्या की गई, वो बहुत ही घृणास्पद है। संतोष की हत्या में वाल्मीकि कराड गैंग का नाम सामने आया। ये मुद्दा कई महीनों से पूरे महाराष्ट्र में गूंज रहा है। इस मामले में धनंजय मुंडे से मंत्री पद से इस्तीफा लिया गया। कहा जाता है कि हत्यारों का जो गैंग है, उसे धनंजय मुंडे संरक्षण देते थे। इसलिए सरकार ने धनंजय से इस्तीफा मांगा और उन्होंने दिया भी।”
उन्होंने आगे कहा, “अब जांच से स्पष्ट होगा कि धनंजय मुंडे इस साजिश में शामिल थे या नहीं। यदि वह दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि, मुझे लगता है कि अगर कोई हत्यारा किसी नेता या व्यक्ति से जुड़ा हुआ है तो उस आधार पर नेता के खिलाफ कार्रवाई करना ज्यादती होगी। पहले पता लगाना चाहिए कि क्या धनंजय मुंडे का इस हत्याकांड में कोई रोल था या नहीं।”
–आईएएनएस
एफएम/सीबीटी