नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। मुलेठी एक औषधीय जड़ी-बूटी है, जो औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद में मुलेठी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जाता है। मुलेठी का सेवन हार्ट ब्लॉकेज को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
मुलेठी का सेवन रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे हृदय तक रक्त (खून) का प्रवाह सुचारू रहता है और हार्ट ब्लॉकेज की आशंका कम हो जाती है। मुलेठी में एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन जैसे तत्व हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और हृदय संबंधी सूजन को कम करते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। मुलेठी का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है, जो हार्ट ब्लॉकेज से बचाव में सहायक होता है।
आयुर्वेद में हृदय रोग के मरीजों को तीन से पांच ग्राम मुलेठी के चूर्ण को 15 से 20 ग्राम मिश्री वाले पानी के साथ रोजाना सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिससे हृदय की सेहत में सुधार होता है और हार्ट ब्लॉकेज का खतरा भी कम होता है। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय की सूजन और तनाव को कम करने में कारगर होते हैं, जो हृदय रोगों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज के अलावा मुलेठी का सेवन मुंह के छाले, गला बैठना, गले की खराश और खांसी के लिए भी किया जाता है। हालांकि, रोग के हिसाब से मुलेठी का सेवन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है।
मुलेठी की तासीर ठंडी होती है। आयुर्वेद के अनुसार, इसका सेवन कोई भी कर सकता है। पित्त प्रकृति के लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि, संतुलित मात्रा में ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसके सेवन से मांसपेशियों में कमजोरी और अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
इसलिए, इसका सेवन करने से पहले वैद्य से परामर्श जरूर करें। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना मुलेठी का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
–आईएएनएस
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