नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। एचडीएफसी बैंक ने बुधवार को उन रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि बैंक ने शहरी ब्रांचों में बचत खातों में औसत न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दिया है। साथ ही कहा कि बैंक की ओर से ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है।
निजी क्षेत्र के बैंक ने बयान में कहा,”किसी भी प्रकार के खाते के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस (एएमबी) आवश्यकता में कोई बदलाव नहीं किया गया है।”
बैंक ने कहा कि नियमित बचत खातों और ‘सेविंग मैक्स खातों’ के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस क्रमशः 10,000 रुपए और 25,000 रुपए ही रहेगा।
भारत में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक ग्राहकों की प्रोफाइल के अनुसार कई प्रकार के बचत खाते पेश करता है और प्रत्येक प्रकार के बचत खाते के लिए प्रदान की जाने वाली वैल्यू-एडेड सेवाओं के आधार पर औसत न्यूनतम बैलेंस की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं।
बैंक के अनुसार, ग्राहक प्रोफाइल के आधार पर ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय शाखाओं में सभी प्रकार के विकल्प उपलब्ध हैं।
बैंक ने कहा, “महानगरीय क्षेत्रों में ग्राहकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, बैंक महानगरीय शाखाओं में नए खाते खोलने वाले ग्राहकों को सेविंग्स मैक्स अकाउंट की पेशकश को प्राथमिकता देगा।”
इस बीच, निजी क्षेत्र के अन्य बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने व्यापक विरोध के बाद महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए अपनी औसत न्यूनतम बैलेंस (एमएबी) आवश्यकता को आंशिक रूप से 50,000 रुपए से घटाकर 15,000 रुपए कर दिया है।
इस महीने की शुरुआत में, देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस (एमएबी) आवश्यकता को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया था।
बैंक ने अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों के लिए न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता को भी 25,000 रुपए से घटाकर 7,500 रुपए कर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस(एमएबी) को 10,000 रुपए से घटाकर 2,500 रुपए कर दिया गया है।
हालांकि, बैंक ने स्पष्ट किया है कि यदि ग्राहक अपने खाते में निर्धारित सीमा से कम बैलेंस रखते हैं तो उन्हें जुर्माना देना होगा।
–आईएएनएस
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