जबलपुर. कडकड़ाती ठंड के मौसम में भी न तो मच्छरों का प्रकोप कम हो पा रहा हैं. जिसके चलते इस मौसम में भी डेंगू की दहशत कम नहीं हो पा रही हैं. शहर में डेंगू के मच्छरों का आतंक बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार दिसंबर के पहले पखवाड़े में 6 मरीजों की ब्लड जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है. जिसके बाद मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ हैं.
अब भी नहीं हो पाई सफाई
बारिश के समय से शहर में व्याप्त गंदगी के साम्राज्य को नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अब तक नहीं हटा पाए हैं. निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को बारातों के हुड़दंग में कचरा फैलाते बाराती तो नजर आ जाते हैं लेकिन शहर भर में गली मौहल्लों में फैली गंदगी के अंबार पर उनकी नजरे इनायत नहीं हो पा रही हैं.
जिम्मेदार न तो विजय नगर, अग्रवाल कॉलोनी, नेपियर टाउन, रसल चौक जैसे पॉश इलाकों में गंदगी फैला रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर पा रहे हैं न हीं इन क्षेत्रों में फैली गंदगी को दुरुस्त किया जा रहा हैं. साफ सफाई के अभाव में शहर ही नहीं आस-पास के अन्य इलाकों में भी मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो पाया हैं जिसके चलते डेंगू, मलेरिया, चिकिन गुनिया सहित अन्य बीमारियों के मरीज अब भी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं.
नहीं कम हुआ मच्छरों का प्रकोप
जिले के जिम्मेदारों की बेरुखी को या फिर शहर में कम होने का नाम नहीं ले रही गंदगी के अंबार को इसकी वजह मानें, कारण जो भी हों शहर मेंं मच्छरों का प्रकोप इस बार ठंड के मौसम में भी थम नहीं पा रहा हैं. जिसके चलते इस बार अब तक डेंगू की दहशत कम नहीं हुई है. 1 दिसंबर के 15 दिसंबर तक पूरे पखवाड़े में 6 मरीजों की रक्त जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है. डेंगू पॉजिटिव केसों ने पिछले दो साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
इस साल लगभग 3 सौ से अधिक पॉजिटिव केस अब तक सामने आ चुके हैं. जबकि पिछले साल 2023 में करीब 2 सौ एवं 2022 में महज 100 केस थे. हालांकि इस साल से कहीं अधिक प्रकरण वर्ष 2021 में थे लेकिन पिछले दो सालों में संख्या कम हुई थी. इस साल फिर इजाफा होने लगा. इसकी मुख्य वजह शहर में नगर निगम द्वारा सभी वार्डों में फागिंग न कराने और खाली प्लॉटों में जमा बारिश के पानी की उचित निकासी की व्यवस्था न करने को बताया जा रहा हैं.
सूत्रों के अनुसार मलेरिया विभाग की टीम भी लार्वा सर्वे करने नहीं पहुंची. मलेरिया विभाग की लापरवाही इसमें ज्यादा सामने आती है क्योंकि ठंड के मौसम में अधिकारी निश्चिंत हो जाते हैं. उन्हें लगता है ठंड का हेल्दी सीजन शुरू हो गया है तो डेंगू नहीं होगा इसके चलते लार्वा सर्वे धीमा हो जाता है. इसके कारण डेंगू का लार्वा पनपने लगता है.