चंडीगढ़, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने सोमवार को कहा कि कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा बंद करने का भारत का फैसला – और इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की चुप्पी – पंजाबियों के लिए बहुत महंगी साबित हो रही है। यह फैसला हजारों पंजाबियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और इससे राज्य बड़े आथर्कि संकट की तरफ बढ़ रहा है।
मजीठिया ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा बंद करने का फैसला ऐसे समय में आया है जब शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।
उन्होंने कहा कि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाबी परिवार बसे हुए हैं जो अब कनाडा के नागरिक हैं लेकिन वे पंजाब में शादियां करना पसंद करते हैं।
ऐसे परिवारों के अलावा अन्य लोग भी हैं जो इलाज कराने आते हैं क्योंकि भारत में चिकित्सा उपचार सस्ता है। अन्य लोग पारिवारिक जरूरतों और व्यक्तिगत नुकसान तथा अन्य कारणों से इलाज के लिए आते हैं।
अकाली नेता ने कहा कि यह देखकर हैरानी होती है कि वीजा निलंबित करने का फैसला लागू हुये एक पखवाड़े से अधिक हो गया है और मुख्यमंत्री मान चुप हैं।
उन्होंने कहा कि केवल एक घटना के बाद भारत का निर्णय पंजाबियों के लिए अत्यधिक भेदभावपूर्ण है। इस मुद्दे पर मान की चुप्पी से संकेत मिलता है कि वह शीर्ष भाजपा नेतृत्व के साथ मिले हुए हैं, जो कई बार साबित हो चुका है।
मजीठिया ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत आने वाले 24 प्रतिशत से अधिक कनाडाई पर्यटक आमतौर पर शादी के मौसम में आते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि कैटरिंग व्यवसाय, मैरिज पैलेस और होटल, टिकट बुकिंग और पर्यटन उद्योग से जुड़े हजारों लोगों को इस सीजन में बड़ा झटका लगने वाला है।
इसके अलावा जो लोग खेल मेलों में भाग लेने के लिए पंजाब आते हैं वे भी इस फैसले के कारण इन अवसरों से वंचित हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों उद्योगों में हजारों रद्दीकरण की खबरें आ रही हैं जो बड़ी चिंता का कारण है क्योंकि यह पंजाब को एक बड़े आर्थिक संकट की ओर ले जा रहा है।
मजीठिया ने दोनों देशों से इस अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को एक-एक करके बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का आग्रह किया ताकि आम आदमी को भारी कठिनाइयों से बचाया जा सके।
–आईएएनएस
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