नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विमान में तकनीकी खराबी के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 10 सितंबर से नई दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया है जिससे उनकी वापसी में देरी हो रही है।
ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी
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नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विमान में तकनीकी खराबी के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 10 सितंबर से नई दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया है जिससे उनकी वापसी में देरी हो रही है।
ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
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नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विमान में तकनीकी खराबी के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 10 सितंबर से नई दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया है जिससे उनकी वापसी में देरी हो रही है।
ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
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नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विमान में तकनीकी खराबी के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 10 सितंबर से नई दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया है जिससे उनकी वापसी में देरी हो रही है।
ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।
कनाडाई प्रधानमंत्री के कार्यालय को एक ईमेल भेजकर उनकी यात्रा योजनाओं के बारे में विवरण मांगा गया। इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
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नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विमान में तकनीकी खराबी के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 10 सितंबर से नई दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया है जिससे उनकी वापसी में देरी हो रही है।
ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा नई दिल्ली भेजे गए CC-150 पोलारिस विमान के अप्रत्याशित मार्ग परिवर्तन के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जबकि इसको रोम से होकर जाना था।
यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी समस्याएं आ चुकी हैं।
अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
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यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
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ट्रूडो 9-10 सितंबर को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में थे।
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यदि ट्रूडो द्वारा इस्तेमाल किया गया एयरबस विमान हवाई सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है, तो वह उस पर वापस लौटने का विकल्प चुन सकते हैं।
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अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा।
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