मुंबई, 5 मई (आईएएनएस)। एथर एनर्जी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में लिस्ट होने के लिए तैयार है। लेकिन, ग्रे मार्केट से संकेत मिल रहे हैं कि ईवी फर्म के लिए यह शुरुआत शांत रहेगी।
बेंगलुरु स्थित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता को अपनी लिस्टिंग से पहले केवल मामूली प्रीमियम मिल रहा है, जो निवेशकों की कम शुरुआती उत्साह की ओर इशारा करता है।
इंवेस्टरगेनडॉट कॉम के अनुसार, सोमवार तक एथर के शेयरों के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) आईपीओ के अपर प्राइस बैंड 321 रुपए से केवल 7 रुपए अधिक था, जो केवल 2.18 प्रतिशत की संभावित वृद्धि को दर्शाता है।
यह पहले की अपेक्षाओं से एक बड़ी गिरावट को दर्शाता है, क्योंकि लिस्टिंग से पहले जीएमपी में लगातार गिरावट आई है।
2,981 करोड़ रुपए के आईपीओ को सभी कैटेगरी के निवेशकों से अपेक्षाकृत कम प्रतिक्रिया मिली। कुल मिलाकर, इसे 1.43 गुना सब्सक्राइब किया गया।
खुदरा निवेशकों ने 1.78 गुना, योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) ने 1.70 गुना, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) ने केवल 0.66 गुना सब्सक्राइब किया।
हालांकि, कर्मचारी कोटे में 5.43 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ मजबूत भागीदारी देखी गई।
टाइगर ग्लोबल जैसे वैश्विक निवेशकों द्वारा समर्थित, एथर एनर्जी का आईपीओ 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला।
शेयरों के आवंटन को 3 मई को अंतिम रूप दिया गया और सोमवार को निवेशकों के खातों में शेयर जमा किए गए।
जिन लोगों को शेयर नहीं मिले, उन्हें रिफंड भी जारी किया गया है। आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम एथर के विस्तार प्रयासों का समर्थन करेगी।
महाराष्ट्र में एक नया ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने में लगभग 927.2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट में 50 करोड़ रुपए, मार्केटिंग और ब्रांड निर्माण में 300 करोड़ रुपए और ऋण चुकाने में 40 करोड़ रुपए का निवेश भी कर रही है।
इस बीच, भारत के ईवी क्षेत्र में शुरुआती प्रवेशकों में से एक होने के बावजूद, एथर 2013 में तरुण मेहता और स्वप्निल जैन द्वारा अपनी स्थापना के बाद से लाभहीन बना हुआ है।
इसके रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) के अनुसार, कंपनी को हर वित्त वर्ष में घाटा हुआ है, जिसमें लागत दक्षता या लाभप्रदता हासिल करने के लिए कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं है।
–आईएएनएस
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