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Home ताज़ा समाचार

कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा हाउसिंग प्राइस, प्राइम लोकेशन भी रह गए पीछे

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December 10, 2024
in ताज़ा समाचार
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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

–आईएएनएस

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मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के टॉप सात शहरों के बाहरी इलाकों की आवासीय कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले छह साल में ये बढ़ोतरी किसी भी प्राइम लोकेशन के मुकाबले अच्छी खासी कही जा सकती है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप शहरों में कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उनके मूल्य वृद्धि की गुंजाइश प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी।

इसके अलावा, लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च के अनुसार, कई कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं जिससे लोग वहां पहुंच रहे हैं।

एनारोक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के पेरिफेरल नोएडा एक्सप्रेसवे में, पिछले छह वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 66 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो कि 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।”

इस अवधि में प्राइम एरिया राज नगर एक्सटेंशन में 55 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 2019 में 3,260 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 2024 की तीसरी तिमाही में 5,050 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई।

कुमार ने कहा, “हालांकि, यह किसी भी तरह से एक समान प्रवृत्ति नहीं है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे के प्राइम एरिया में औसत आवासीय कीमतों में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।”

बेंगलुरू के पेरिफेरल क्षेत्र गुंजूर में औसत आवासीय कीमत में 69 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी ओर, प्राइम एरिया थानी सांद्रा मेन रोड में इस अवधि में 62 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई।

पिछले कुछ वर्षों में मांग को पूरा करने के लिए इन पेरिफेरल क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

कुमार ने कहा, ” पेरिफेरल एरिया में औसत आवास की कीमतें बढ़ी हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के कारण, डेवलपर्स ने वहां बड़ी अत्याधुनिक परियोजनाएं शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

बेहतर कनेक्टिविटी ने खरीदारों के लिए हरे भरे खुले स्थानों के साथ बड़ी सोसाइटियों में रहना संभव बना दिया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह चलन बहुत प्रचलित हो गया है।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के पेरिफेरल एरिया पनवेल में पिछले 6 वर्षों में 58 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, प्रमुख क्षेत्र वर्ली में इस अवधि में 37 प्रतिशत मूल्य वृद्धि देखी गई।

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