जबलपुर. थाना गोरखपुर में अमरजीत सिंह चीमा निवासी एम जी एम स्कूल के पीछे हाथीताल गोरखपुर ने लिखित शिकायत की कि वह एक्स सर्विसमैन सिक्योरिटी फोर्स कंपनी को संचालित करता है. कंपनी द्वारा श्रवण कुमार चौकसे को कुछ जिम्मेदारी के साथ वर्ष 2015 में काम पर रखा गया था, लेकिन जब कंपनी के द्वारा ऑडिट की गई तब जांच में पाया गया, कि श्रवण कुमार चौकसे द्वारा कंपनी के पैसों का गबन किया गया है. परिणाम स्वरूप उसके द्वारा शिकायत की गयी कि इस विषय पर जांच की जाये.
शिकायत का पता चलते ही श्रवण कुमार चौकसे एवं पवन कुमार कोरी द्वारा 55 लाख रूपए के गबन की स्वीकृति देते हुए राजीनामा का आग्रह किया गया जिस पर उसके द्वारा कंपनी के नाम से एक समझौता नामा तैयार किया गया जिसमें श्रवण कुमार चौकसे के द्वारा उसे 55 लाख रूपए वापस किये गए.
वर्ष 2022-23 की ऑडिट के दौरान सी. ए ने बताया कि श्रवण कुमार चौकसे के द्वारा एवं पवन कोरी के द्वारा केवल 55 लाख नहीं और ज्याद रूपयों का गबन किया गया है, इसके पश्चात अपने अकाउंट की पुनः जांच करवाई तो पता चला की उसकी कम्पनी के रूपये श्रवण कुमार चौकसे द्वारा 2022 में पवन कोरी, ऋतिक चौकसे, के आकउंट में कुल 1 करोड़ 99 हजार रूपए ट्रांसफर कर राशि का गबन किया.
जिसमें मात्र 55 लाख बताकर राजीनामा किया गया है. वर्ष 2022 और 23 की ऑडिट के दौरान नए सी. ए. ने बताया कि श्रवण कुमार चौकसे को कंपनी के द्वारा दिए गए नेफ्ट ट्रान्सफर फर्म में भी फेर बदल करते हुए कंपनी के कर्मचारियों जो की जिला नरसिंहपुर एवं जिला कटनी में स्वाश्थ विभाग में कार्यरत है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मदन महल शाखा की बैंक नेफ्ट में व्यापक रूप से कूट रचना कर बैंक में भेजी गयी नेफ्ट को बदल कर गबन किया गया.
जिसमे कार्यरत कर्चारियों का अकाउंट नंबर बदल कर फर्जी खातों में पैसा ट्रांसफर कर गबन करना भी शामिल है. कर्मचारियों के अकाउंट की जगह फ़र्जी खातों में कंपनी का पैसा ट्रांसफर किया गया साथ ही चेक जो की जिला स्वास्थ्य विभाग कटनी के टेंडर की सुरक्षा निधि हेतु फिक्स डिपोज़िट बनवाने के लिए प्रदान किए गए थे श्रवण कुमार चौकसे द्वारा उन चेकों को पवन कोरी, दीपिका चौकसे व् आर्यन चौकसे के खाते में फर्जी एफडी बना कर जमा कर दिया गया.
चेकों की राशि मिलाकर श्रवण कुमार चौकसे ने पवन कोरी, दीपिका व् आर्यन चौकसे, के खाते में 11 लाख 24 हज़ार 985 रूपये की राशि को जमा कर गबन किया है. इसके अतिरिक्त श्रवण कुमार चौकसे जो की आधिकारिक तौर पर उसकी कंपनी के प्रशासनिक आर्थिक मामलों की देखरेख कर रहे थे उन्होंने जिला स्वास्थ्य विभाग कटनी जिसका टेंडर उसकी कंपनी को प्राप्त था उसे विभाग में श्रवण कुमार चौकसे ने उसके फ़र्जी हस्ताक्षर कर आवेदन प्रस्तुत किया एवं कंपनी के बैंक अकाउंट को बदलकर अपना बचत खाते का नंबर दे दिया गया.
जिसके परिणाम स्वरूप जिला अस्पताल कटनी श्रवण कुमार चौकसे के बचत खाते में सारा पैसा जमा कर रही थी जिसकी जानकारी लगते ही जिला अस्पताल कटनी को लिखित आवेदन प्रेषित कर खातों की जानकारी को दुरुस्त करवाई साथ ही श्रवण कुमार चौकसे कंपनी के नाम से कूट रचित दस्तावेज़ बना कर अन्य प्राइवेट संस्थानों से सिक्योरिटी के टेंडर ले रहा है एवं उसकी कंपनी के नाम से सारी पेमेंट रिसीव कर रहा है .
श्रवण कुमार चौकसे ने कंपनी के कुल राशि 2 करोड 80 लाख रूपये उत्कर्ष बैंक के खाते में तथा 1 करोड 2 लाख एवं 94 लाख तथा 45 लाख रूपये अपने एसबीआई के बचत खाते में प्राप्त की है. साथ ही विभाग उसका पैन नंबर दर्ज होने के कारण उसके नाम पर उन रुपयों की जीएसटी जेनरेट की गई जो की उसने कभी प्राप्त भी नहीं किये. जिसके जीएसटी भुगतान की ज़िम्मेदारी श्रवण कुमार चौकसे की है जानकारी के आभाव में जीएसटी जमा न करने की वजह से इनकम टैक्स विभाग के द्वारा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है.
श्रवण कुमार चौकसे के द्वारा फ़र्जी दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी कंपनी से 6 करोड 33 लाख 14 हजार 985 रुपयों का गबन किया गया है.
शिकायत पर श्रवण कुमार चौकसे के विरुद्ध धारा 420,408 भादवि का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया.
*पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय (भा.पु.से.)* द्वारा घटित हुई घटना को गम्भीरता से लेते हुये आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु आदेशित किये जाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा एवं नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर श्री एच आर पाण्डे के मार्गनिर्देशन में थाना प्रभारी गोरखपुर श्री प्रसन्न कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर लगायी गयी.
गठित टीम द्वारा सरगर्मी से तलाश करतेे हुये आरोपी श्रवण कुमार चौकसे उम्र 40 वर्ष निवासी आमनपुर काली मठ मंदिर के पास गोरखपुर को अभिरक्षा मे लेते हुये आरोपी की निशादेही पर एटीएम कार्ड एवं दस्तावेज जप्त करते हुये आरोपी को मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये न्यायिक अभिरक्षा मे जेल भेज दिया गया.
उल्लेखनीय भूमिका:– करोडों का गबन करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी गोरखपुर श्री प्रसन्न कुमार शर्मा के नेतृत्व में उप निरीक्षक दुर्गेश मरावी, आरक्षक रोहित, अनूप सिंह एवं भगवान सिंह की सराहनीय भूमिका रही.