बेंगलुरु, 28 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार कर्मचारी संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान ने एक राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जद-एस ने इस स्थिति के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
इस बीच, सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कर्नाटक आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के प्रावधान को लागू करने की संभावना से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विश्वास व्यक्त किया कि मामला बुधवार (1 मार्च) तक हल हो जाएगा।
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और जद-एस नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने सरकारी कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान को सरकार की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का नतीजा करार दिया।
उन्होंने कहा, सातवें वेतन आयोग के गठन के बाद सीएम बोम्मई को बजट और उस उद्देश्य के लिए आरक्षित धन की प्रस्तुति के दौरान अपनी सिफारिशों के कार्यान्वयन की घोषणा करनी चाहिए थी। लेकिन, सीएम बोम्मई ने ऐसा नहीं किया और अस्पष्ट जवाब दिए। सरकारी कर्मचारी उनके अस्पष्ट जवाबों से तंग आ चुके हैं और उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
बोम्मई ने कहा, सरकारी कर्मचारी हमारे लोग हैं। सातवें वेतन आयोग का गठन वेतन संशोधन के लिए किया गया था। हमने आयोग के साथ सहयोग किया है। उनकी मांग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट प्राप्त करने और रिपोर्ट को लागू करने की है।
उन्होंने कहा, मैंने बजट पर जवाब देते हुए इसके बारे में बात की है। मैं अंतरिम रिपोर्ट प्राप्त करूंगा और इसे लागू करूंगा। मैं आयोग के संपर्क में हूं। आयोग के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों से बात करूंगा। मुझे यह मुद्दा कल (बुधवार) तक हल हो जाने का विश्वास है।
यह पूछे जाने पर कि अधिकारियों के वेतन में वृद्धि कितनी तर्कसंगत है, सीएम बोम्मई ने कहा, इस पर बहस चल रही है। लेकिन, वेतन आयोग के गठन के बाद सिफारिशों को लागू करना होगा। उन्होंने कहा, हम केवल इसी तर्ज पर हैं।
–आईएएनएस
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