बेंगलुरु, 23 फरवरी (आईएएनएस)। बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार को आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें आईपीएस अधिकारी डी. रूपा मौदगिल के सोशल मीडिया पोस्ट और बयानों पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
74वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले को 7 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया और आईपीएस अधिकारी को याचिका पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी है।
सिंधुरी ने बुधवार को एक याचिका दायर कर मौदगिल द्वारा उनके खिलाफ बयान जारी करने पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने दलील दी थी कि आईपीएस अधिकारी ने उनका निजी नंबर सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया, जिसके बाद उसे लगातार फोन आ रहे हैं और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि मौदगिल एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं और नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।
सिंधुरी ने मुदगिल को कथित मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा था और उनसे एक करोड़ रुपये का हर्जाना भरने को कहा था। 24 घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने की भी मांग की थी। लेकिन, कानूनी नोटिस का आईपीएस अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया।
वरिष्ठ नौकरशाह और पुलिस अधिकारी भ्रष्टाचार और आचरण के मुद्दों पर सार्वजनिक विवाद में शामिल रहे हैं, जिससे भाजपा सरकार को शमिंर्दा होना पड़ा है क्योंकि दोनों अधिकारियों ने निजी तस्वीरें जारी कीं और मीडिया और सोशल मीडिया पोस्ट में बयान दिए। दोनों अधिकारियों को बिना पोस्टिंग के उनके वर्तमान पदों से स्थानांतरित कर दिया गया है। बुधवार को एक ऑडियो क्लिप जारी होने के साथ ही दोनों के बीच परोक्ष जंग अभी भी जारी है।
–आईएएनएस
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