कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
–आईएएनएस
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
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उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
–आईएएनएस
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।
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कोलकाता, 14 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे पश्चिम बंगाल में मौजूदा कांग्रेस-वाम मोर्चा संबंधों को मजबूत करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने यह संकेत दिया है।
उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने परिणामों के लिए कर्नाटक के लोगों को श्रेय दिया है और एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। सीपीआई (एम) नेतृत्व ने शनिवार शाम को कोलकाता में कांग्रेस और कर्नाटक के लोगों को बधाई देने के लिए एक रैली निकाली थी। रैली का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने किया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझौते की संभावना से इंकार करते हुए, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम मोर्चा के साथ एक सुनियोजित समझ निश्चित रूप से आने वाले चुनावों में गठबंधन के लिए सकारात्मक परिणाम देगी।
चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री यह मानने से इनकार कर रही हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाला भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जबकि पूरे देश में आम लोगों द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी के नेतृत्व की गुणवत्ता को स्वीकार करने की अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए तृणमूल कांग्रेस के साथ संवाद का कोई सवाल ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के लोगों से हमारी अपील कांग्रेस के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा बनने की है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लगता है कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि यदि सही गठबंधन है, तो न तो तृणमूल कांग्रेस न ही भाजपा अजेय है। सलीम ने जोर देकर कहा, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मामले में भी यही बात लागू होती है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को खुले दिमाग से आगे बढ़ना होगा।
गौरतलब है कि कभी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सागरदिघी के उपचुनाव में वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास प्रचंड बहुमत के साथ विजयी हुए थे।