चिक्कमगलुरु (कर्नाटक), 16 जून (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने शुक्रवार को पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद केंद्र पर चावल उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाने के लिए कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस संबंध में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा प्रतिबद्धता पत्र पेश करने की मांग की।
पत्रकारों से बातचीत में सी.टी. रवि ने कहा कि अगर वह झूठ नहीं बोल रहे हैं, तो उन्हें एफसीआई द्वारा कर्नाटक राज्य को चावल देने का वादा पत्र दिखाना चाहिए। वे झूठे आरोप लगाना बंद करें और चावल खरीदने के लिए लोगों को पैसे उपलब्ध कराएं। केंद्र ने कोई पत्र नहीं भेजा है कि वे चावल भेजेंगे, ताकि कांग्रेस सरकार इसे अपनी योजना के रूप में पेश करे और फिर इसे लोगों को वितरित करे।
सी.टी. रवि ने दोहराया, आप उस कार्य के लिए केंद्र पर उंगली उठाते हैं जो आप करने में असमर्थ हैं। मुझे उम्मीद थी कि सिद्दारमैया चार या पांच महीने बाद आरोप लगाना शुरू कर देंगे। लेकिन, उन्होंने पहले ही शुरू कर दिया है। आपने घोषणा की कि मुफ्त चावल योजना 1 जुलाई से लागू होगी। और अब आप केंद्र सरकार को दोष देते हैं। आप बीपीएल धारकों के खातों में पैसा डाल दें, वे चावल खरीद लेंगे।
बिजली की दरों में वृद्धि पर, भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कीमत बढ़ाने के कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) के प्रस्ताव को भाजपा द्वारा सहमति नहीं दी गई थी।
यह कांग्रेस सरकार द्वारा दिया गया है। एक्साइज ड्यूटी भी चुपचाप बढ़ा दी गई है। क्या इन सबके लिए केंद्र जिम्मेदार है? सरकार पंजीकरण और मोटर वाहन करों में वृद्धि करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस सरकार एक तरफ जनता से पैसा छीन रही है और दूसरी तरफ देने का नाटक कर रही है।
सीएम सिद्दारमैया के मुताबिक एफसीआई के डिप्टी मैनेजर ने सात लाख टन चावल का स्टॉक होने की जानकारी दी थी। स्टॉक होने के बावजूद केंद्र चावल की आपूर्ति क्यों नहीं कर रहा है? भाजपा नेता गरीब विरोधी हैं। कांग्रेस सरकार का नाम खराब करने के लिए ये सब हथकंडे अपना रहे हैं।
सीएम सिद्धारमैया ने आरोप लगाया था,हमने एफसीआई के उप प्रबंधक के साथ चर्चा की थी। उन्होंने खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा और हमें चावल की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने 12 जून को एक पत्र भी लिखा था और केंद्र से सहमति के साथ चावल की आपूर्ति करने का वादा किया था।
कर्नाटक को 2,08,425 मीट्रिक टन चावल उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। लेकिन, उन्होंने 13 जून को पत्र लिखकर कहा है कि राज्यों को ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (ओएमएसएस) के तहत गेहूं और चावल उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। सिद्दारमैया ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए कर्नाटक को चावल नहीं देने का फैसला किया है।
–आईएएनएस
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