बेंगलुरू, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| सहकारिता राज्य मंत्री के.एन. राजन्ना के सरकार में तीन और उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति के प्रस्ताव ने लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कर्नाटक कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है।
पिछड़े वर्ग के एक प्रमुख नेता राजन्ना ने शुक्रवार को डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के साथ तीन और डिप्टी सीएम के लिए वकालत की।
उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार खेमे के एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री पर किए गए मौखिक हमले के जवाब में सीएम सिद्धारमैया खेमे ने डिप्टी सीएम और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार के खिलाफ यह कदम उठाया है।
राजन्ना ने दावा किया कि कर्नाटक में सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं, जो पिछड़े वर्ग से हैं और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार हैं, जो अगड़े वर्ग से हैं।
हालांकि, इसके साथ ही एससी-एसटी, अल्पसंख्यक और लिंगायत समुदाय को भी मौका दिया जाना चाहिए, क्योंकि इन समुदायों ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा होगा। बयानों से खफा डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार खेमा लोकसभा चुनाव में 20 से अधिक सीटें जीतने और 2.6 साल के लिए सीएम पद के लिए दावा करने को लेकर उत्साहित है। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया पद छोड़ने के मूड में नहीं हैं और उन्हें दूर रखना चाहते हैं।
यह कदम डिप्टी सीएम शिवकुमार को वर्तमान पद के बारे में असुरक्षित बनाने और अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए है। यदि चार डिप्टीसीएम होंगे, तो शिवकुमार, जो वर्तमान में सीएम के समकक्ष हैं, को झटका लगेगा।
–आईएएनएस
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