चामराजनगर (कर्नाटक), 5 मार्च (आईएएनएस)। कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अंतर-जातीय विवाह करने पर एक जोड़े पर न केवल जुर्माना लगाया गया, बल्कि जोड़े को गांव से बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
घटना कोल्लेगल तालुक के कुनागल्ली गांव में हुई। पुलिस के मुताबिक, दोनों की शादी पांच साल पहले हुई थी, लेकिन गांववालों को दोनों की अलग-अलग जाति के बारे में हाल ही में पता चला।
ग्रामीणों ने दंपति पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उनका बहिष्कार कर दिया। दंपति इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए और 1 मार्च को कोल्लेगल में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
उप्परा सेट्टी समुदाय के गोविंदराजू को अनुसूचित जाति की मांड्या की श्वेता से प्यार हो गया था। जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया, तो लड़के और लड़की के परिवार बिना किसी विरोध के सहमत हो गए और सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में उनकी शादी हो गई।
गोविंदराजू मालवल्ली में बस गए, लेकिन अक्सर कुनागल्ली में अपनी पत्नी के साथ अपने माता-पिता से मिलने आते थे। जब दंपति पिछले महीने वहां आए तो श्वेता ने अपने पड़ोसी से बात की और खुलासा किया कि वह दलित हैं। मामला गांव के बुजुर्गों तक पहुंचा और उन्होंने 23 फरवरी को बैठक की। उन्होंने दंपति के माता-पिता को बुलाकर उन पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 1 मार्च तक जुर्माना भरने को कहा।
दंपति द्वारा इस संबंध में गांव के 12 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद जुर्माने की राशि बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी और गोविंदराजू के परिवार का गांव से बहिष्कार कर दिया।
ग्रामीणों ने परिवार को गांव से बाहर भेज दिया है और फरमान सुनाया है कि वह गांव से राशन, सब्जी, दूध और पानी न खरीदें। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।
–आईएएनएस
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