बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के ग्रामीण विकास, पंचायती राज और आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 1,000 करोड़ रुपये लिए हैं और वे राज्य में ऑपरेशन लोटस को अंजाम देने के लिए उस पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जिन नेताओं को आलाकमान ने नजरअंदाज किया था, वे अमित शाह से मदद मांगने के लिए दिल्ली गए थे और उनसे पैसे लिए थे।
उन्होंने कहा, “यह अब कोई रहस्य नहीं है कि भाजपा ऑपरेशन लोटस को अंजाम देकर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है। जहां भी उन्हें बहुमत नहीं मिलता है, वहां विधायकों को पैसे का लालच देकर ऑपरेशन लोटस चलाया जाता है।“
प्रियांक ने कहा, “महाराष्ट्र, बिहार, असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां भाजपा को बहुमत नहीं मिला, उन्होंने ऑपरेशन लोटस चलाया। राजस्थान में भी उन्होंने इस तरह का प्रयास किया। कर्नाटक में भी वे प्रयास कर रहे हैं। यह भाजपा द्वारा किया जाने वाला मानक ऑपरेशन होगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं ने अमित शाह से कहा कि वह उन्हें 1,000 करोड़ रुपये दे दें तो वे सरकार बना लेंगे।
उन्होंने कहा, “वे नेता मुझसे संपर्क नहीं कर रहे हैं। लेकिन, जब हमारे विधायक इस बारे में बात कर रहे हैं तो हमें इस पर विश्वास करना होगा। देश में ऐसा पहले भी हो चुका है। कर्नाटक राज्य में ऐसा इतिहास रहा है। यह सच है कि ऑपरेशन लोटस चलाया गया था।”
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण व्यवस्था के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि केवल एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, सिद्दारमैया और शिवकुमार को ही इसके बारे में पता होगा। किसी अन्य नेता को जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में चलाई जा रहीं खबरें काल्पनिक हैं।
राज्य के गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के आवास पर सिद्दारमैया के साथ हुई रात्रिभोज बैठक के बारे में प्रियांक खड़गे ने कहा, ”भाजपा नेताओं को नहीं पता कि उनकी पार्टी में क्या हो रहा है। जब जद (एस) के साथ गठबंधन के लिए बैठक हुई तो राज्य से कोई नेता मौजूद नहीं था।”
–आईएएनएस
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