नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से पहले छात्रों से जनेऊ उतरवाने के मामले पर सियासत जारी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने सिद्धारमैया सरकार पर हिंदुओं से नफरत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के जनेऊ को जबरन उतारकर आपराधिक कृत्य किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “जिस तरह से औरंगजेब को जनेऊ से नफरत थी, उसी तरह से कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को हिंदुओं के जनेऊ और कलावा से नफरत है। बुर्के पर हंगामा करने वाले उन्हीं लोगों ने सीईटी केंद्रों पर हिंदुओं के जनेऊ को जबरन उतारकर आपराधिक कृत्य किया है। एक तरह से सरकार द्वारा जिहादी गतिविधि को प्रमोट किया जा रहा है।”
प्रेम शुक्ला ने ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो बात मिथुन चक्रवर्ती ने कही है, वही बात तो बंगाल के पीड़ित भी बोल रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इस बात को सही पाया है, इसलिए उन्होंने केंद्रीय बलों को तैनात होने का आदेश दिया। इसके बाद मुर्शिदाबाद में नरसंहार की गतिविधियों पर विराम लग पाया।”
कर्नाटक के शिवमोगा में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से पहले छात्रों से जनेऊ उतरवा लिए गए थे।
मामला शिवमोगा के आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज का है। छात्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) देने के लिए कॉलेज पहुंचे थे, तभी तीन छात्रों को जनेऊ और हाथों में रक्षा सूत्र पहनने को लेकर रोक लिया गया। आरोप है कि कॉलेज के गेट पर मौजूद गार्ड ने दो छात्रों के जनेऊ और रक्षा सूत्र को भी खुलवा दिया। हालांकि, एक छात्र जनेऊ न उतारने पर अड़ गया, जिसके बाद उसे 15 मिनट तक गेट पर ही रोककर रखा गया। इस दौरान उसका रक्षा सूत्र खुलवा लिया गया, मगर उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा लिखने की इजाजत दे दी गई।
इस बीच, कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एम.सी. सुधाकर ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा था कि अगर छात्रों से जनेऊ उतारने को कहे जाने की घटना की पुष्टि होती है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
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