बेंगलुरु, 8 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस व जद-एस ने वर्तमान विधानसभा के अंतिम सत्र के लिए कमर कस ली है। विधानसभा का अंतिम सत्र 10 फरवरी से शुरू होकर 24 फरवरी तक चलेगा। सत्र के दौरान हाई-वोल्टेज बहस और टकराव होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, सत्र 10 फरवरी दिन शुक्रवार को शुरू हो रहा है, राज्यपाल थावर चंद गहलोत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। जबकि दोनों सदनों में कार्यवाही सोमवार से राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ शुरू होगी। दो महीने से भी कम समय में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल और सत्तारूढ़ भाजपा सत्र में अपनी छाप छोड़ना चाहती है।
कांग्रेस और जद-एस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ 40 प्रतिशत कमीशन शुल्क का आरोप लगाए जाने की उम्मीद है, जबकि जद-एस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भाजपा के गुप्त एजेंडे की बात उठा सकते हैं। उनके मुताबिक, गुप्त एजेंडा यह है कि यदि राज्य में भाजपा सत्ता में आई तो एक ब्राह्मण उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का मुख्यमंत्री के रूप में अभिषेक किया जाएगा।
उनके बयान का उद्देश्य लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय को आगाह करना था, जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस विवाद ने सत्तारूढ़ भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है और पार्टी पर मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने का दबाव बढ़ गया है।
भगवा पार्टी ने शुरू में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की उम्मीदवारी की घोषणा की। हालांकि पिछले कुछ समय से पार्टी के नेता कह रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगेंगे। इस मामले को लेकर विपक्षी नेता पहले ही भाजपा पर हमला कर चुके हैं और संभावना जताई जा रही है कि वे भाजपा पर तंज कसेंगे और सत्र में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की मांग करेंगे।
सत्तारूढ़ भाजपा के सामने कथित अपराधी सैंट्रो रवि मामले को मैनेज करने की चुनौती भी होगी। हालांकि सैंट्रो रवि को गिरफ्तार कर लिया गया है, विपक्षी नेताओं के इस मुद्दे को उठाने और सैंट्रो की राज्य के शीर्ष नेताओं के साथ कथित मिलीभगत को लेकर सत्तारूढ़ सरकार पर सवाल उठाए जाने की संभावना है।
दूसरी ओर, भाजपा द्वारा अपर भद्रा परियोजना के लिए उदार धन और राज्य में अधूरे रेलवे कार्यो के लिए 8,000 करोड़ रुपये के आवंटन की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर्नाटक के विकास के मामले में डबल इंजन सरकार पर बार-बार जोर दे रहे हैं।
विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा राज्य के 13,000 करोड़ रुपये के जीएसटी हिस्से को रोके जाने को भी मुद्दा बना सकते हैं। सर्वाधिक टैक्स देने के मामले में यह देश का दूसरा राज्य है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री बोम्मई सत्र के दौरान भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लोकलुभावन बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
–आईएएनएस
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