बेंगलुरू, 24 फरवरी (आईएएनएस)। महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वफादारों को समायोजित करने के लिए मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव और सलाहकार के पदों के सृजन को चुनौती देने वाली याचिका पर भाजपा सरकार को नोटिस जारी किया।
समाज परिवर्तन समुदाय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश पी.बी. वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी ने नोटिस जारी किया।
याचिका में केवल समर्थकों को समायोजित करने के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार और राजनीतिक सचिव जैसे पदों के सृजन पर सवाल उठाया गया था। भाजपा विधायक एम.पी. रेणुकाचार्य, पूर्व विधायक डीएन देवराज, नेता बेलूर सुदर्शन और केदारनाथ मुड्डा को भी नोटिस भेजा गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि रेणुकाचार्य और पूर्व विधायक जीवराज को सीएम के राजनीतिक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि सुदर्शन और मुड्डा को क्रमश: ई-प्रशासन विभाग और वाणिज्य उद्योग विभाग में सीएम के सलाहकार के रूप में कैबिनेट मंत्री के स्तर पर नियुक्त किया गया है।
याचिका में आगे दावा किया गया कि इन नियुक्तियों के लिए सरकार का फैसला असंवैधानिक है, और यह एक राजनीतिक रणनीति है जो सरकारी खजाने पर बोझ डालती है। उनकी मांग है कि इन पदों को खत्म किया जाए।
–आईएएनएस
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