deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home Today's Special News

कलकत्ता हाई कोर्ट ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

by
January 3, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
0
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

READ ALSO

विदेश मंत्रालय ने नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए जारी किए हेल्पलाइन नंबर

बोकारो निवासी अशहर दानिश के पास से संदिग्ध रसायन बरामद : डॉ. माइकल राज एस

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और बुधवार या उसके अगले दिन फैसला सुनाया जा सकता है।

मंगलवार को सीबीआई के वकील ने दावा किया कि जेल से मंडल पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपी इनामुल हक के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा था। न्यायमूर्ति बागची ने तब सीबीआई के वकील डी.पी. सिंह से पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास इस आरोप को साबित करने के लिए कोई विशेष सबूत है। जवाब में, सिंह ने दावा किया कि यह कॉल फेसटाइम माध्यम से किए गए थे और इसलिए ऐसी कॉलों की रिकॉडिर्ंग उपलब्ध नहीं थी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि भले ही कॉल के लिए रिकॉडिर्ंग फेसटाइम माध्यम से की गई हो, कम से कम उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर के माध्यम से स्थानों को ट्रैक किया जा सकता है। कम से कम उसका पता क्यों नहीं लगाया जा सकता?

सीबीआई के वकील ने जवाब दिया कि पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ गवाहों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इसके बाद सीबीआई के वकील ने प्रभावशाली थ्योरी पर बहस की। वह (मंडल) बेहद प्रभावशाली है। वह तीन स्थानीय पशु बाजारों से मवेशियों की तस्करी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिम्मेदार था। वह एक राजनीतिक दिग्गज है। अगर उसकी जमानत मंजूर हो जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और गवाहों को प्रभावित करेगा, जो वह पहले भी कर चुका है।

दूसरी ओर, मंडल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि, सीबीआई ने प्राथमिकी में 96 गवाहों का नाम लिया है, लेकिन उनके अधिकारी उनमें से केवल 33 से ही पूछताछ कर पाए हैं। बाकी गवाहों के बयान कब दर्ज किए जाएंगे? मेरा मुवक्किल पिछले 135 दिनों से सलाखों के पीछे है, जहां पशु तस्करी के अन्य आरोपी जैसे सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सतीश कुमार जमानत पर बाहर हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

विदेश मंत्रालय ने नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए जारी किए हेल्पलाइन नंबर

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

बोकारो निवासी अशहर दानिश के पास से संदिग्ध रसायन बरामद : डॉ. माइकल राज एस

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

उपराष्ट्रपति चुनाव ने साबित किया कांग्रेस के अंदर देश और पार्टी में प्राथमिकता को लेकर मतभेद : गुलाम अली खटाना

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

दिल्ली के मेयर राजा इकबाल ने फैक्ट्री लाइसेंस मॉड्यूल का किया शुभारंभ, प्रॉपर्टी टैक्स से इंटीग्रेशन

September 10, 2025
यूपी: डूंगरपुर कांड में आजम खान को कोर्ट से राहत
ताज़ा समाचार

यूपी: डूंगरपुर कांड में आजम खान को कोर्ट से राहत

September 10, 2025
ताज़ा समाचार

अशोक स्तंभ तोड़े जाने की घटना पर सुप्रिया सुले ने जताया दुख, सरकार से सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की मांग

September 10, 2025
Next Post
कंझावला कांड : क्या सवालों से भाग रही दिल्ली पुलिस?

कंझावला कांड : क्या सवालों से भाग रही दिल्ली पुलिस?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

097645
Total views : 5970844
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In