कोलकाता, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा में मारे गए 54 लोगों के परिवारों को दिए गए मुआवजे का विवरण एक हलफनामे में दाखिल करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में 26 सितंबर तक हलफनामा दायर करने को कहा।
हलफनामे में, पीठ ने राज्य सरकार को ग्रामीण निकाय चुनाव हिंसा में मारे गए व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरण प्रदान करने का निर्देश दिया।
पीठ ने उन परिवारों का विवरण भी मांगा, जिन्हें दो लाख रुपये का एकमुश्त मुआवजा प्रदान किया गया है और उन पीड़ित परिवारों का भी विवरण मांगा गया है, जिनके एक सदस्य को राज्य सरकार के वादे के अनुसार होम-गार्ड के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है।
अदालत ने राज्य सरकार को यह निर्देश पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के अनुभवी लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें राज्य सरकार पर इस संबंध में घोषणा के बाद प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया गया था।
अपनी याचिका में चौधरी ने आरोप लगाया कि हालांकि मुआवजे की घोषणा इस साल 14 जुलाई को की गई थी, लेकिन अब तक केवल 17 परिवारों को ही मुआवजा मिला है।
चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि राज्य सरकार के वादे के मुताबिक वास्तविक पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा मिला या नौकरियां। उन्होंने ग्रामीण चुनावी हिंसा में घायल पीड़ितों के लिए मुआवजे के भुगतान के संबंध में प्रगति पर भी सवाल उठाया।
–आईएएनएस
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