नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने कश्मीर के फल उत्पादकों को बड़ा तोहफा दिया है। बडगाम से नई दिल्ली के लिए दैनिक पार्सल ट्रेन चलेगी, जिससे सेब उत्पादकों को फायदा होगा। गुरुवार को दो पार्सल वैन की लोडिंग भी शुरू कर दी गई। इस सौगात के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बडगाम से नई दिल्ली के लिए दैनिक पार्सल ट्रेन से सेब उत्पादकों को बड़ी राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का मैं हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”
इससे पहले, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि कश्मीर के सेब उत्पादकों को सशक्त बनाना है। जम्मू-श्रीनगर लाइन चालू होने से कश्मीर घाटी में बेहतर कनेक्टिविटी होगी। रेलवे 13 सितंबर से कश्मीर घाटी के बडगाम से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन तक एक दैनिक समयसारिणी वाली पार्सल ट्रेन शुरू कर रहा है। बडगाम से दिल्ली के लिए सेब ले जाने वाली दो पार्सल वैन की लोडिंग गुरुवार से शुरू हो रही है।
रेलवे मंत्रालय ने बताया कि मुख्य सेब सीजन शुरू होते ही 13 सितंबर से बडगाम और आदर्श नगर (दिल्ली) के बीच एक दैनिक समय-सारिणी वाली पार्सल ट्रेन शुरू की जा रही है। यह ट्रेन व्यापारियों और फल उत्पादकों को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन एक पार्सल वैन बुक करने की सुविधा प्रदान करेगी।
8 पार्सल वैन वाली दैनिक समय-सारिणी वाली संयुक्त पार्सल उत्पाद- रैपिड कार्गो सेवा पार्सल ट्रेन (एएनडीआई – बीबीएमएन – बीडीजीएम) के लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। यह 8 वीपी ट्रेन बडगाम रेलवे स्टेशन (बीडीजीएम) से सुबह 6:15 बजे रवाना होगी और अगले दिन सुबह 5 बजे आदर्श नगर रेलवे स्टेशन (एएनडीआई) पहुंचेगी, जो दिल्ली के बाजार में सेबों की सुबह-सुबह पहुंच के लिए एक बहुत ही उपयुक्त समय है।
भारतीय रेलवे मध्यवर्ती स्टेशनों पर पार्सल वैन लगाने की सुविधा भी प्रदान कर रहा है। अगर आगे भी मांग उठती है, तो रेलवे ऐसी और ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है।
इससे पहले, 9 अगस्त को, सीमेंट के 21 वैगनों वाली पहली मालगाड़ी पंजाब से कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक सफलतापूर्वक पहुंची, जो इस क्षेत्र को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह विकास पूरे कश्मीर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देगा और कश्मीर घाटी में रहने वाले नागरिकों के लिए लागत कम करेगा।
–आईएएनएस
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