श्रीनगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 10 दिनों तक कश्मीर के मैदानी इलाकों में बर्फबारी की बहुत कम संभावना है।
गांदरबल जिले में रहने वाले शब्बीर अहमद भट ने कहा, “अगर ‘चिल्लई कलां’ के बाकी हिस्से के दौरान पर्याप्त बर्फबारी नहीं होती है तो हम सीधे आपदा की ओर बढ़ रहे हैं।”
घाटी में अधिकांश जलस्रोत आंशिक रूप से जम गए हैं, जिससे पीने योग्य पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है।
गुरुवार को श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस नीचे था, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम का तापमान क्रमश: शून्य से 4.2 डिग्री नीचे और शून्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस नीचे था।
रात का सबसे कम तापमान लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में माइनस 14.1, कारगिल में माइनस 14.3 और द्रास में माइनस 12.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 4.7, कटरा में 6.2, बटोट में 3.1, भद्रवाह में 1.1 और बनिहाल में शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे स्थानीय रूप से ‘चिल्लई कलां’ के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी
श्रीनगर, 4 जनवरी (आईएएनएस)। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 10 दिनों तक कश्मीर के मैदानी इलाकों में बर्फबारी की बहुत कम संभावना है।
गांदरबल जिले में रहने वाले शब्बीर अहमद भट ने कहा, “अगर ‘चिल्लई कलां’ के बाकी हिस्से के दौरान पर्याप्त बर्फबारी नहीं होती है तो हम सीधे आपदा की ओर बढ़ रहे हैं।”
घाटी में अधिकांश जलस्रोत आंशिक रूप से जम गए हैं, जिससे पीने योग्य पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है।
गुरुवार को श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस नीचे था, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम का तापमान क्रमश: शून्य से 4.2 डिग्री नीचे और शून्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस नीचे था।
रात का सबसे कम तापमान लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में माइनस 14.1, कारगिल में माइनस 14.3 और द्रास में माइनस 12.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 4.7, कटरा में 6.2, बटोट में 3.1, भद्रवाह में 1.1 और बनिहाल में शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे स्थानीय रूप से ‘चिल्लई कलां’ के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी