संयुक्त राष्ट्र, 22 फरवरी (आईएएनएस)। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख ने कहा कि पूर्वी उत्तर किवु प्रांत में रवांडा समर्थित एम23 विद्रोही शांति अभियानों में बाधा डाल रहे हैं।
डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र मिशन [जिसे मोनूस्को के नाम से भी जाना जाता है[, के प्रमुख बिंटौ केता, ने कहा, “रवांडा के रक्षा बलों के समर्थन से एम23 द्वारा उत्तरी किवु के कुछ हिस्सों पर लगातार कब्जे ने मोनूस्को की मिशन आवश्यकताओं को पूरी तरह से लागू करने की क्षमता को गंभीर रूप से बाधित कर दिया है।” उन्होंने कहा कि विद्रोही मिशन को नागरिकों की सुरक्षा करने और जीवन रक्षक ऑपरेशन करने से रोक रहे हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, किंशासा से वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के डीआरसी में विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि एम23 दक्षिण किवु में आगे बढ़ रहा है और डीआरसी की राजधानी तक पहुंचने के अपने घोषित उद्देश्य के तहत काम कर रहा है।
सुरक्षा परिषद से संशोधित आदेश मिलने और किंशासा सरकार के अनुरोध पर मोनूस्को पिछले वर्ष दक्षिण किवु से हट गया था।
कीता ने कहा कि मोनूस्को के समक्ष परिचालन संबंधी चुनौतियां गलत सूचनाओं और घृणा अभियानों के कारण और भी जटिल हो गई हैं, जो जानबूझकर संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के जीवन को खतरे में डालती हैं।
उन्होंने कहा कि शांति सैनिक पूर्वी डीआरसी में आंतरिक रूप से लाखों विस्थापित लोगों की सुरक्षा करते हैं।
महासचिव के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि मानवीय सहयोगियों ने चिंता जताई है कि दक्षिण किवु के उविरा में चल रही झड़पों के कारण जरूरतमंद लोगों और एंबुलेंस तक पहुंच में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रांत के अस्पतालों में संघर्ष के कारण प्रतिदिन नागरिक हताहतों की सूचना मिल रही है।
प्रवक्ता ने कहा, “कालेहे क्षेत्र में लड़ाई के कारण पिछले सप्ताह 50,000 से अधिक लोगों को भागना पड़ा, जिनमें से कई बुरुंडी चले गए। फरवरी से अब तक 40,000 से अधिक कांगो नागरिक – जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं – सुरक्षा की तलाश में बुरुंडी पहुंचे हैं।”
–आईएएनएस
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