नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की ‘खटाखट स्कीम’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग कितना बड़ा झूठ बोलते रहे हैं, चुनाव के समय इन्होंने देश के सामान्य नागरिकों को गुमराह करने के लिए जो पर्चियां बांटी, दो दिन से मैं देख रहा हूं कि कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं, एक लाख रुपये कहां है, लोग पैसा मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपने जनता-जनार्दन की आंखों में कैसा धूल झोंका, कैसे उन्हें भ्रमित किया। सामान्य नागरिक मानकर चलता था कि 4 जून के बाद रुपया मिल जाएगा। इसलिए, वह दफ्तर के बाहर खड़े हैं, अब उन्हें धक्का मारा जा रहा है, डंडे मारकर भगाया जा रहा है। इस प्रकार का चुनाव गरीबों का अपमान है, हमारे देश के सामान्य नागरिकों का अपमान है। देश कभी भी ऐसी हरकतों को न भूलता है और न कभी माफ करता है।
दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय में अचानक बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय की महिलाएं पर्चियां लेकर पहुंची थी। उन्होंने बताया कि अब राहुल गांधी उनके वादों को पूरा करेंगे, वो चुनाव जीत गए हैं। एक नहीं, बल्कि दो-दो सीटों पर वो जीत का परचम लहराने में सफल रहे, जो कि हर तरह से प्रशंसनीय है।
कांग्रेस कार्यालय पहुंची जुबैदा ने आईएएनएस से कहा कि अब तो कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। अब राहुल गांधी ने हमसे जो वादे किए हैं, उसे पूरा करेंगे। उन्होंने चुनाव में कहा था कि वो महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 8,500 रुपए डालेंगे। हम उनके इसी वादे को देखते हुए कार्यालय आए हैं।
जुबैदा ने कहा था कि पहले तो मुझे कांग्रेस कार्यालय में जाने नहीं दिया जा रहा था, लेकिन बाद मैं भी जिद पर अड़ गई। इसके बाद मुझे आने दिया गया। हमें बहुत खुशी है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव चुनाव जीत गए हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला वोटरों को लुभाने के लिए महालक्ष्मी योजना पर दांव लगाया। राहुल गांधी ने अपने भाषणों में गरीब महिला के खाते में प्रति माह 8,500 रुपये यानी 1 लाख रुपये सालाना डालने के लिए ‘खटाखट’ शब्द का प्रयोग किया था। अब कांग्रेस नेता के इसी स्कीम को लेकर शुक्रवार को पीएम मोदी ने उन पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए की संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 4 जून के पहले ये लोग (इंडी गठबंधन) ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे और ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए। मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम की अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून की शाम आते-आते उनके मुंह पर ताले लग गए, ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।
–आईएएनएस
एसके/एबीएम