नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। गहलोत ने कहा कि उन्होंने पार्टी में यह परंपरा कभी नहीं देखी कि आलाकमान किसी से उस पद के बारे में पूछता है, जिसे वह चाहता है या पेश किया जाता है। उन्हें मनाने के लिए उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट भी यहां बैठक के लिए पहुंचे।
शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक के लिए गहलोत के यहां पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद पायलट खड़गे के आवास पर पहुंचे।
पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी भी बैठक में मौजूद थे। इस बैठक को राज्य नेतृत्व में चल रही उथल-पुथल को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश नेतृत्व पर संकट को लेकर पार्टी नेता गहलोत और पायलट ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आलाकमान उस पर फैसला लेने की तैयारी में है।
एक सूत्र ने कहा कि दो विरोधी नेताओं को एक साथ लाने की दिशा में काम करने के अलावा, पार्टी नेतृत्व इस रेगिस्तानी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने की भी कोशिश करेगा।
इससे पहले दिन में, राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने और यहां हवाईअड्डे पर मीडिया से बात करने के बाद गहलोत से उनके और पार्टी नेता पायलट के बारे में अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा : मैंने अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस में ऐसी परंपरा नहीं देखी है कि एक नेता कुछ मांगता है या आलाकमान उससे पूछता है कि उसे कौन सा पद चाहिए।
गहलोत ने ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब मीडिया की देन है और हो सकता है कि कुछ नेता ऐसी खबरें प्लांट करवा रहे हों।
उन्होंने कहा, हाईकमान और कांग्रेस पार्टी इतनी मजबूत है कि ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होगी कि आप किसी को मनाने की पेशकश करें। ऐसा कभी नहीं हुआ, ऐसा कभी नहीं होगा ..।
यह बैठक पायलट के उस अल्टीमेटम के ठीक बाद हुई है, जिसमें कहा गया था कि अगर इस महीने के अंत तक राज्य सरकार ने उनकी तीनों मांगें पूरी नहीं की तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।
पायलट ने अपनी कई मांगों में से एक के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की है।
कांग्रेस की राजस्थान इकाई जुलाई 2020 से उथल-पुथल की स्थिति में है, जब पायलट ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर विद्रोह किया था।
विद्रोह के बाद पायलट, जो उपमुख्यमंत्री थे, को पद से हटा दिया गया था। उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया था।
तब से राज्य पार्टी इकाई के भीतर तनाव बना हुआ है और पिछले साल सितंबर में पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले संकट गहरा गया था।
–आईएएनएस
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