सिवनी, 5 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेताओं में लड़ाई इस बात के लिए हो रही है कि आगे चलकर किसका बेटा कांग्रेस का मुखिया बनेगा। प्रदेश के दो बड़े कांग्रेस नेता अपने-अपने बेटों को सेट करने के चक्कर में प्रदेश को अपसेट कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही है। उसे पता है कि वह नहीं जीतने वाली। वो तो चुनाव लड़ने का ढोंग कर रही है, ताकि कहीं से चंदा, डोनेशन मिलना है तो मिल जाए। कांग्रेस में लड़ाई मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं हो रही है, उन्हें पता है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही बनेगा। कांग्रेस के नेताओं में लड़ाई इस बात के लिए हो रही है कि आगे चलकर किसका बेटा कांग्रेस का मुखिया बनेगा। प्रदेश के दो बड़े कांग्रेस नेता अपने-अपने बेटों को सेट करने के चक्कर में प्रदेश को अपसेट कर रहे हैं। जो अपने बेटों के लिए लड़ रहे हैं, वो आपके बेटे-बेटी के बारे में सोचेंगे क्या? ये आपके बेटे-बेटी के लिए कुछ कर सकते हैं क्या? और अगर ये आपके बेटे-बेटी के लिए कुछ नहीं सोच सकते, कुछ नहीं कर सकते तो फिर ऐसे लोगों की जरूरत क्या है?”
प्रधानमंत्री ने कहा, “एमपी के मन में मोदी क्यों है, इसकी एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना है। कोरोना के काल में मेरे मन में एक ही विचार चलता था कि दुनिया में इतना बड़ा संकट आया है, परिवार का हर व्यक्ति भय के बीच जी रहा है। बाहर जाना मुश्किल, काम करना मुश्किल। मैंने संकल्प लिया कि इस संकट में किसी गरीब का चूल्हा बुझने नहीं दूंगा। किसी गरीब के बच्चे भूखे न सो जाएं, इसके लिए मैं रात-रात भर जागता रहा। हमने गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देना शुरू किया। इनमें मध्यप्रदेश के भी पांच लाख लोग शामिल हैं।”
मोदी ने कहा, “यह योजना एक महीने बाद खत्म होने वाली है। लेकिन मैं गरीबी से निकला हूं और गरीबों के दर्द को समझता हूं। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि इस योजना को पांच सालों के लिए और बढ़ाएंगे।”
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार का हर घोटाला लाखों करोड़ रुपये का होता था। भाजपा सरकार में घोटाले नहीं होते। इस तरह गरीबों के हक का जो पैसा हमने बचाया है, उसे ही गरीबों के राशन पर खर्च करेंगे। घोटालों वाली कांग्रेस और गरीबों की भाजपा सरकार, दोनों में यही बड़ा अंतर है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे आदिवासी परिवारों में लखन कुमार जी के मंदिर में पूजा-अर्चना करके खेती शुरू करने की मान्यता है। सिवनी की यह पुण्यभूमि शहीद बिंदु कुमारी, रानी दुर्गावती और राजा शंकर शाह की धरती है। मां भारती और हमारी संस्कृति की रक्षा में हमारे आदिवासी वीर वीरांगनाओं का योगदान यहां हर तरफ दिखता है, लेकिन कांग्रेस ने उसे भुला दिया। कांग्रेस ने आजादी का सारा श्रेय सिर्फ एक ही परिवार के नाम कर दिया। कांग्रेस के लिए इस एक परिवार से बड़ा कोई और है ही नहीं। कांग्रेस की सरकारों की सारी योजनाएं, वहां के रास्ते और कांग्रेस के घोषणापत्र में भी वही एक परिवार दिखता है, लेकिन यह भाजपा है, जिसके लिए हर गरीब, हर पिछड़ा और हर आदिवासी परिवार का सदस्य है।”
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग आजकल आदिवासी क्षेत्रों में जाकर झूठ बोल रहे हैं, उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। कांग्रेस ने पहले आपको अंधेरे में रखकर लूटा है और अब आपको गुमराह करके लूटने के खेल खेले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन आदिवासियों ने राजकुमार राम को परमात्मा राम बना दिया, हम उनके पुजारी हैं। भाजपा की सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। जबलपुर में रानी दुर्गावती के नाम पर भव्य स्मारक बनाया जा रहा है। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकरशाह के नाम पर और मंडला मेडिकल कॉलेज का नाम हृदय शाह के नाम पर रखा गया है। भोपाल में देश के सबसे आधुनिक रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर और पातालपानी स्टेशन का नाम जननायक टंट्या भील के नाम पर रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे युवा साथी जो पहली बार वोट डालेंगे, उन्हें यह बात खास तौर पर समझनी होगी कि कांग्रेस का न तो अपना कोई भविष्य है और न ही उसके पास युवाओं के भविष्य के लिए कोई योजना है, न कोई रोडमैप है। कांग्रेस के लोग आज भी यह कहते हैं कि हमारे दादा-दादी ने ये किया था, इसलिए हमें वोट दो। हमारे नाना-नानी ने ये किया था, इसके लिए हमें वोट दो। लेकिन भाजपा आपके भविष्य के लिए काम कर रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की योजना का जिक्र किया और कहा कि बहनों के सशक्तीकरण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने भी लाडली बहना योजना बनाई है। इस योजना में शामिल बहनों में से अधिकांश गरीब, पिछड़े और आदिवासी परिवारों की हैं।
–आईएएनएस
एसएनपी/एसजीके