नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार के लैपटॉप और कंप्यूटर सहित आईटी हार्डवेयर के लिए ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ शुरू करने के एक दिन बाद भौतिक प्रतिबंध लगाने के अपने शुरुआती रुख को संशोधन करने को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार के फास्ट (फर्स्ट एक्ट, सबसीक्वेंटली थिंक) दृष्टिकोण का एक और उदाहरण है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सरकार ने 3 अगस्त 2023 को लैपटॉप और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों के आयात के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रणाली की घोषणा की थी। फिर 4 अगस्त 2023 को सरकार ने 3 महीने की लंबी संक्रमण अवधि शुरू करके लाइसेंसिंग प्रणाली को स्थगित कर दिया।”
राज्यसभा सांसद ने कहा, ”13 अक्टूबर 2023 को लैपटॉप आयात प्रतिबंधों को पूरी तरह से वापस लेने का ऐलान किया गया। ये तो चक्र की तरह है। फिर घोषणा करेंगे, फिर स्थगित करेंगे और फिर वापस लेंगे।”
उनकी टिप्पणी तब आई जब सरकार ने गुरुवार को लैपटॉप और कंप्यूटर सहित आईटी हार्डवेयर के लिए एक आयात प्रबंधन प्रणाली शुरू की, जिसमें अचानक लाइसेंस प्रणाली शुरू करने की घोषणा के महीनों बाद भौतिक प्रतिबंध लगाने के अपने शुरुआती रुख को संशोधित किया गया, जिसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना था, लेकिन मुक्त व्यापार में हस्तक्षेप के रूप में उद्योग जगत ने इसकी आलोचना की थी।
यह कदम एचपी, एप्पल, डेल, लेनोवो और अन्य कंपनियों के लिए राहत की बात है, जो देश में अपने पीसी, लैपटॉप और टैबलेट्स की मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर हैं, खासकर त्योहारी सीजन में।
प्रस्तावित प्रणाली के तहत, आईटी हार्डवेयर कंपनियों को अन्य चीजों के अलावा, अपने आयात और जिन देशों से वे आयात करते हैं, उनसे संबंधित डेटा को पंजीकृत करने और उसका खुलासा करने की आवश्यकता होगी।
–आईएएनएस
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