हैदराबाद, 4 जनवरी (आईएएनएस) । तेलंगाना में सत्ता हासिल करने के एक महीने बाद, कांग्रेस ने तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से कम से कम 12 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) 8 और 9 जनवरी को पांच-पांच जिलों के नेताओं के साथ समीक्षा बैठक करके लक्ष्य हासिल करने की रणनीति तैयार करेगी। इसके बाद 10 से 12 जनवरी को सभी 17 लोकसभा सीटों के प्रभारियों के साथ बैठकें की जाएंगी।
कांग्रेस नेता जमीनी स्तर पर मतदाताओं से जुड़ने के लिए 20 जनवरी से सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
ये निर्णय बुधवार को इसके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में टीपीसीसी की एक बैठक में लिए गए और इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के तेलंगाना प्रभारी दीपादास मुंशी ने भाग लिया। माणिकराव ठाकरे की जगह मुंशी के प्रभारी नियुक्त होने के बाद यह पहली बैठक थी।
बैठक में उन्हें एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किये जाने पर बधाई दी गयी। इसने तेलंगाना में हालिया चुनावी जीत में माणिकराव ठाकरे के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया।
टीपीसीसी ने कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी से तेलंगाना से लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा पेश एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
चर्चा लोकसभा चुनाव की रणनीति, छह गारंटी लागू करने और मनोनीत पदों को भरने पर केंद्रित रही। दीपादास मुंशी ने पार्टी नेताओं को लोकसभा चुनाव का लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने की सलाह दी। उन्होंने पार्टी और सरकार के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में नई सरकार के कार्यकाल का एक महीना पूरा होने से पहले ही कांग्रेस के अधूरे वादों को उजागर करने वाली किताबें प्रकाशित करके लोगों को गुमराह करने के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की निंदा की गई। रेवंत रेड्डी ने पार्टी नेताओं से बीआरएस प्रचार का पर्दाफाश करने और राज्य के वित्त के कुप्रबंधन को उजागर करने को कहा।
बैठक में उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
उम्मीद है कि पार्टी जल्द ही लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर देगी।
2019 में कांग्रेस पार्टी को 17 में से तीन लोकसभा सीटें मिली थीं। रेवंत रेड्डी समेत तीनों सांसदों ने हालिया विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
2019 में बीआरएस ने नौ सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को चार सीटें मिली थीं। एआईएमआईएम ने एक सीट बरकरार रखी थी।
–आईएएनएस
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