नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपी) ने हाल ही में कई दवाओं की कीमत में 50 फीसदी का इजाफा किया है। दवाई में बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने दवाई की कीमत को लेकर चिंता जाहिर की है।
कांग्रेस सांसद ने पत्र में लिखा है, “मैं राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के हाल के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूं, ताकि आम तौर पर उपयोग की जाने वाली आठ दवाओं की अधिकतम कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि के बारे में बता सकूं। सरकार ने इस वृद्धि के पीछे असाधारण परिस्थितियां और जनहित को कारण बताया है, लेकिन मेरा मानना है कि इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे के औचित्य को स्पष्ट करना जरूरी है।”
उन्होंने आगे लिखा, “दवाओं की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से अस्थमा, टीबी, बाइपोलर डिसऑर्डर, और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों के लिए आवश्यक दवाओं पर असर पड़ सकता है। ये दवाएं लाखों नागरिकों के लिए जीवन रक्षक हैं। कई मरीज और उनके परिवार पहले से ही जरूरी उपचार में वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दवाओं की कीमतों में वृद्धि से इन व्यक्तियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।”
मणिकम टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा हाल ही में जरूरी दवाओं की कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। यह वृद्धि उन लाखों परिवारों पर भारी पड़ रही है, जो अस्थमा, टीबी और अन्य बीमारियों के लिए जरूरी दवाओं पर निर्भर हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार से आग्रह है कि वह बड़ी फार्मा कंपनियों के दबाव का विरोध करे और इस निर्णय के लिए स्पष्ट तर्क प्रस्तुत करे। रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर वास्तविक प्रभाव का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा समिति का प्रस्ताव रखा है। हमारे नागरिकों की भलाई के लिए पारदर्शिता और सामर्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”
–आईएएनएस
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