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कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज

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August 16, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

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नई दिल्ली,16 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘बैटल ऑफ माइंड्स’ क्विज शुरू की है। इसका उद्देश्य ज्ञान को बढ़ावा देना और युवाओं को इस दिशा में सशक्त बनाना है।

बुधवार को राजधानी के दिल्ली छावनी क्षेत्र में मानेकशॉ सेंटर में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस शौर्य, पराक्रम और साहस से जीत सुनिश्चित की, उसी भावना के प्रति सम्मान व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह ऐतिहासिक पहल युवाओं में बौद्धिक विकास और जिज्ञासा की भावना जागृत करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य भविष्य के अग्रणी व्यक्तित्वों का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता के लोगो का अनावरण आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा अर्चना पांडे ने किया।

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार तथा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पहल में भारत के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व होगा और देश के लगभग 1.5 लाख स्कूलों तक यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतियोगिता में लगभग 15,000 स्कूलों का पंजीकरण करना है।

इस प्रकार प्रतियोगिता से देशभर में लगभग 1.5 करोड़ छात्रों के भाग लेने की आशा है। प्रत्येक विद्यालय तीन छात्रों और एक रिजर्व छात्र की टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सह-शिक्षा वाले विद्यालयों की टीमों में कम से कम एक छात्रा की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

प्रतिभागी 10 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में होंगे, जो अनुमानत कक्षा छह से दस के विद्यार्थी होंगे। प्रतियोगिता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जाएगी।

प्रतियोगिता तीन चरणों- क्षेत्रीय कमान स्तर से शुरू होकर इंटर-कमांड और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगी। प्रतियोगिता के दो चरण होंगे, जिनसे प्रतिभागियों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा।

पहला चरण एक ऑनलाइन एलिमिनेशन राउंड के साथ शुरू होगा, जहां छात्र बौद्धिक रूप से विचारोत्तेजक प्रश्नों की एक श्रृंखला में अपनी योग्यता का प्रदर्शन करेंगे।

ऑनलाइन राउंड से सफल अभ्यर्थी दूसरे चरण में पहुंचेंगे, यानी एक क्षेत्रीय कमांड-स्तरीय ऑफ़लाइन प्रतियोगिता का समापन ग्रैंड फिनाले में होगा।

विद्यालयों, विद्यार्थियों और उनके साथ आने वाले शिक्षकों के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक के पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है।

शीर्ष 12 स्कूलों के लिए बसों और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए 360 से अधिक लैपटॉप की पेशकश की गई है।

यह प्रश्नोत्तरी केवल विद्यार्थियों की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करने की अवधारणा से परे है। यह एक ऐसा मंच है जो युवाओं को संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के अपने ज्ञान के आधार का परीक्षण करने के लिए जमीनी स्तर पर एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

यह प्रश्नोत्तरी छात्रों के बीच राष्ट्र निर्माण में भविष्य की भूमिका के बारे में जागरूकता भी पैदा करेगी। इस पहल का लोगो, नाम और टैगलाइन भारतीय सेना की सम्मानित विरासत के गहन महत्व को प्रदर्शित करते हैं।

लोगो का गठन चिह्न और आकार, एकता और अनुशासन की एक स्थायी भावना जागृत करता है, जबकि धातु कांस्य रंग शक्ति और आधारभूत महरून रंग शौर्य एवं भारतीय सेना के समर्पण का प्रतीक है।

“बैटल ऑफ माइंड्स” नाम बौद्धिक शक्ति का प्रतीक है, जिसमें टैगलाइन में जीत, पराक्रम, वीरता और नायकत्व की भावना निहित है। क्रॉस की गई तलवारें और अशोक स्तंभ तत्परता, कर्तव्य तथा सम्मान को दर्शाते हैं जो भारतीय सेना की अदम्य भावना एवं समर्पण का प्रतीक है।

–आईएएनएस

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