नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस) धूम्रपान और हृदय संबंधी रोग (सीवीडी) का संबंध एक खास डोज से है। एक अध्ययन के मुताबिक लाइट एक्स स्मोकर्स को सीवीडी जोखिम धूम्रपान न करने वालों के मुकाबले ज्यादा होता है।
जर्नल जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि हेवी एक्स स्मोकर्स (ज्यादा धूम्रपान कर छोड़ देने वाले) को कभी धूम्रपान न करने वालों की स्थिति तक पहुंचने में 25 साल से अधिक का समय लग सकता है।
अध्ययन में इस सवाल का जवाब खोजने की कोशिश की गई कि हृदय संबंधी रोग (सीवीडी) जोखिम को कम करने के लिए किसी व्यक्ति को कितने समय तक धूम्रपान छोड़ने की आवश्यकता है?
कोरियाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सेवा डेटाबेस से निकाले गए डेटा के कोहोर्ट अध्ययन में 53 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, पूर्व धूम्रपान करने वालों में, जिन्होंने 8 पैक-वर्ष (पैक ईयर्स) से कम समय तक धूम्रपान किया था, उनमें कभी धूम्रपान न करने वालों की तुलना में सीवीडी का जोखिम काफी अधिक नहीं दिखा।
निष्कर्षों से पता चला कि एक्स स्मोकर्स (जिन्होंने कम से कम 8 पीवाई अर्जित किया था) को धूम्रपान के सीवीडी जोखिम से छुटकारा पाने में 25 से अधिक वर्षों की आवश्यकता थी।
लेखकों के मुताबिक, परिणामों से पता चलता है कि कम से कम 8 पीवाई वाले एक्स स्मोकर्स (जो धूम्रपान छोड़ चुके हैं) को वर्तमान धूम्रपान करने वालों के समान सीवीडी जोखिम पर विचार किया जाना चाहिए, और प्रबंधन को तदनुसार योजना बनाई जानी चाहिए।
अध्ययन ने धूम्रपान बंद करने, आजीवन धूम्रपान के बोझ और धूम्रपान बंद करने के बाद बीते वर्षों की संख्या के अनुसार सीवीडी जोखिम के बीच संबंधों का मूल्यांकन किया।
लेखकों ने कहा, “इन परिणामों का नैदानिक अभ्यास और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। धूम्रपान बंद करने की स्थिति के बावजूद, धूम्रपान और सीवीडी जोखिम एक स्पष्ट खुराक-प्रतिक्रिया संबंध प्रदर्शित करते हैं, जो धूम्रपान शुरू करने से पूरी तरह से रोकने के महत्व पर जोर देता है।”
जो लोग धूम्रपान शुरू करते हैं, अगर उनकी कुल धूम्रपान मात्रा एक निश्चित सीमा या तथाकथित रिटर्न प्वाइंट से अधिक नहीं होती है (इस अध्ययन में 8 पीवाई) तो वो धूम्रपान छोड़ सकते हैं और छोड़ने के तुरंत बाद उल्लेखनीय नैदानिक सुधार की उम्मीद कर सकते हैं।
इस तरह परिणाम बताते हैं कि 8 पीवाई तक पहुंचने से पहले अगर धूम्रपान छोड़ दिया जाए तो सेहत को काफी फायदा पहुंच सकता है।
-आईएएनएस
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