गुवाहाटी, 27 नवंबर (आईएएनएस)। कार्बी आंगलोंग जिले में एक मंदिर के निर्माण के लिए असम सरकार कम से कम 5 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, लोकहिमोन आस्था सुधारों के सिद्धांतों पर आधारित है, जहां इसके संस्थापक कुरुसर लोखान एंगती हन्सेक ने अहिंसा, संयम, शांति, मित्रता, विश्वास, भक्ति और पवित्रता के संदेश फैलाए।
उन्होंने कहा, “लोकहिमोन विश्वास निर्वाण का मार्ग देता है। कुरुसर लोचन एंग्ती हन्सेक न केवल एक धार्मिक नेता थे, वह एक समाज सुधारक भी थे जिन्होंने कार्बी लोगों को आत्म-अनुशासन का मार्ग दिया।
मुख्यमंत्री रविवार को डोलमारा स्थित लोकहिमन आश्रम गए और एक धर्मसभा की बैठक में भाग लिया। उन्होंने कुरुसर लोखान एंग्ती हेंसेक के कब्रिस्तान का भी दौरा किया और अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरमा ने लोकिमोन मंदिर के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की घोषणा करते हुए कहा कि कुरुसर लोखान एंगती हांसे की शिक्षाएं कार्बी समाज को सशक्तिकरण की ओर ले जाएंगी।
उन्हाेंने कहा, “एक बार मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, तो पूरा डोलमारा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण और सुंदर पर्यटन स्थल में बदल जाएगा। जो पर्यटक काजीरंगा आते हैं, वे इस क्षेत्र में भी आ सकते हैं। इलाके की प्राकृतिक और आध्यात्मिक सुंदरता को संजो सकते हैं।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम
गुवाहाटी, 27 नवंबर (आईएएनएस)। कार्बी आंगलोंग जिले में एक मंदिर के निर्माण के लिए असम सरकार कम से कम 5 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, लोकहिमोन आस्था सुधारों के सिद्धांतों पर आधारित है, जहां इसके संस्थापक कुरुसर लोखान एंगती हन्सेक ने अहिंसा, संयम, शांति, मित्रता, विश्वास, भक्ति और पवित्रता के संदेश फैलाए।
उन्होंने कहा, “लोकहिमोन विश्वास निर्वाण का मार्ग देता है। कुरुसर लोचन एंग्ती हन्सेक न केवल एक धार्मिक नेता थे, वह एक समाज सुधारक भी थे जिन्होंने कार्बी लोगों को आत्म-अनुशासन का मार्ग दिया।
मुख्यमंत्री रविवार को डोलमारा स्थित लोकहिमन आश्रम गए और एक धर्मसभा की बैठक में भाग लिया। उन्होंने कुरुसर लोखान एंग्ती हेंसेक के कब्रिस्तान का भी दौरा किया और अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरमा ने लोकिमोन मंदिर के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की घोषणा करते हुए कहा कि कुरुसर लोखान एंगती हांसे की शिक्षाएं कार्बी समाज को सशक्तिकरण की ओर ले जाएंगी।
उन्हाेंने कहा, “एक बार मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, तो पूरा डोलमारा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण और सुंदर पर्यटन स्थल में बदल जाएगा। जो पर्यटक काजीरंगा आते हैं, वे इस क्षेत्र में भी आ सकते हैं। इलाके की प्राकृतिक और आध्यात्मिक सुंदरता को संजो सकते हैं।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम