शिमला, 10 जून (आईएएनएस)। भारी बारिश के चलते पटरियों पर कीचड़ जमने के कारण हिमाचल प्रदेश में विश्व धरोहर स्थल कालका-शिमला ट्रैक पर रेल यातायात मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया। एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, ”पटरियों पर भूस्खलन, जल जमाव और मलबे के कारण सोमवार और मंगलवार को रेल लाइन पर यातायात निलंबित कर दिया गया है। गंदगी साफ करने का काम जारी है।”
राज्य की राजधानी से लगभग 65 किलोमीटर दूर सोलन जिले में पटरियों के किनारे कई स्थानों पर भूस्खलन की भी सूचना मिली है।
टॉय ट्रेन सदियों पुरानी कालका-शिमला रेल लाइन पर चलती हैं। प्रत्येक ट्रेन में सात डिब्बे हैं और इसमें लगभग 200 यात्री बैठ सकते हैं।
करीब 96 किलोमीटर लंबी नैरो गेज रेलमार्ग, जो मूल रूप से यूरोपीय लोगों को ब्रिटिश भारत की तत्कालीन ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला तक ले जाने के लिए बनाया गया था, को 2008 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना गया था।
–आईएएनएस
पीके/एकेजे
शिमला, 10 जून (आईएएनएस)। भारी बारिश के चलते पटरियों पर कीचड़ जमने के कारण हिमाचल प्रदेश में विश्व धरोहर स्थल कालका-शिमला ट्रैक पर रेल यातायात मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया। एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, ”पटरियों पर भूस्खलन, जल जमाव और मलबे के कारण सोमवार और मंगलवार को रेल लाइन पर यातायात निलंबित कर दिया गया है। गंदगी साफ करने का काम जारी है।”
राज्य की राजधानी से लगभग 65 किलोमीटर दूर सोलन जिले में पटरियों के किनारे कई स्थानों पर भूस्खलन की भी सूचना मिली है।
टॉय ट्रेन सदियों पुरानी कालका-शिमला रेल लाइन पर चलती हैं। प्रत्येक ट्रेन में सात डिब्बे हैं और इसमें लगभग 200 यात्री बैठ सकते हैं।
करीब 96 किलोमीटर लंबी नैरो गेज रेलमार्ग, जो मूल रूप से यूरोपीय लोगों को ब्रिटिश भारत की तत्कालीन ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला तक ले जाने के लिए बनाया गया था, को 2008 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना गया था।
–आईएएनएस
पीके/एकेजे