वाराणसी, 23 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में जब मैं यहां आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। बनारस के लोगों के प्रयास से सबकुछ हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
प्रधानमंत्री ने यहीं से उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले वाराणसी के अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चों से संवाद भी किया। उन्होंने कार्यक्रम के अंत में विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों को देखा।
प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में कहा कि काशी और संस्कृति दोनों एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। उन्होंने कहा कि वो पूरी दुनिया में काशी का डंका बजाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि जल्द ही काशी सांसद ज्ञान महोत्सव और काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
पीएम मोदी ने काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का जिक्र कर प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव से पता चला कि मेरी काशी और आसपास के जिले में कितनी प्रतिभा है। आने वाले दिनों में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव एक ऊंचाई पर पहुंचेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झंडा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की सेवा विशेष है। जी20 के लिए जो-जो मेहमान काशी आए, वे इसे अपनी यादों में साथ लेकर गए हैं। मैं मानता हूं कि जी 20 की सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है। बाबा की कृपा से काशी अब विकास के अभूतपूर्व आयाम गढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस काशी की कल्पना की थी विकास और विरासत का वो सपना धीरे धीरे साकार हो रहा है। दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी वे काशी सांसद सांस्कृति महोत्सव को जरूर देखते थे। कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुतियों ने उन्हें प्रभावित किया। उन्हें इस क्षेत्र की प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव काशी की अलग पहचान बनने वाला है। ये नटराज की अपनी नगरी है। सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से प्रगट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्हीं कलाओं और विधाओं को भरत मुनि ने व्यवस्थित और विकसित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे घर की बैठकी हो या बजरे पर बुढ़वा मंगल, भरत मिलाप हो या नाग नथैया, संकटमोचन संगीत समारोह हो या देव दीपावली, सबकुछ सुरों में समाया हुआ है। काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है उतने ही अद्भुत यहां के लोकगीत हैं।
उन्होंने बनारस के संगीत घरानों और संगीतज्ञों का भी बखान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सांसद खेल प्रतियोगिता पोर्टल को लांच किया। उन्होंने कहा कि चाहे सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांस्कृतिक महोत्सव हो। काशी में नई परंपराओं की ये शुरुआत है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएग।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों को लोकार्पित करते हुए कहा कि बनारस शिक्षा का एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है इसका सर्व समावेशी स्वभाव। देश-दुनिया के कोने-कोने से आकर लोग यहां पढ़ाई करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 16 अटल आवासीय विद्यालय का लोकार्पण किया गया है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि देश के सभी राज्यों के पास पर्याप्त पैसे हैं। भारत सरकार की ओर से सभी को पूरी छूट दी गई है। मगर ज्यादातर राज्य वोट मिलने वाले कार्यों को करने में खपा रहे हैं। इसके विपरीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैसों का समुचित उपयोग कर रहे हैं।
–आईएएनएस
विकेटी