अयोध्या, 4 जून (आईएएनएस)। राम की नगरी अयोध्या में इस समय अयोध्या का नव निर्माण हो रहा है। राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से यह प्रयास किए जा रहे हैं कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही अयोध्या के क्षेत्र का विकास हो। क्षेत्र के विकास से मंदिर तक आसान पहुंच का मार्ग प्रशस्त हो। इसीलिए राम मंदिर क्षेत्र का सौंदर्यीकरण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर करवाया जा रहा है।
राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों के नवीनीकरण और चौड़ीकरण का काम तेजी से हो रहा है। राम पथ पर दोनों तरफ करीब 20 मीटर सड़क चौड़ी की जा रही है। जिसके लिए लोगों के घर, दुकानें सभी कुछ तोड़े गए हैं और उन्हें मुआवजा दिया गया है।
इसके लिए करीब 797.68 करोड़ रुपए का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। जिसमें सड़कों को चौड़ीकरण, नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण का काम शामिल है। इसमें शहादत गंज से नए घाट तक करीब 12 किलोमीटर की मुख्य सड़क भी है। जिसके दोनों तरफ बने हुए मकानों को भी फसाड के साथ साथ बिल्कुल नया रूप देना और कॉरीडोर का हिस्सा बनाना है।
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने आईएएनएस से कहा कि जब से सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया है तब से लोगों की धारणा अयोध्या को लेकर काफी बदल गई है।
केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में ही योगी सरकार के मन में भी अयोध्या को लेकर एक अलग ²ष्टि है और वह योजनाओं में नजर आती है। राम मंदिर बनना अयोध्या का एक चरण है, लेकिन अयोध्या पूरे विश्व में संस्कृति और धर्म की सबसे बड़ी धरोहर बनके सामने आए ये ही लक्ष्य है। अयोध्या की पहचान आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर हो, ऐसा लक्ष्य केंद्र और राज्य और लोगों का भी है।
उन्होंने बताया है कि राम पथ पर सड़क चौड़ीकरण का काम हो रहा है — 10 मीटर एक तरफ और 10 मीटर दूसरी तरफ। इसके बाद तो चुनाव भी हुआ और लोगों का प्रेम आप साफ तौर पर देख सकते हैं। घर में अगर एक खिड़की भी बन रही हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी दिक्कत होती है।
लोगों को असुविधा हुई बहुत से लोगों की दुकानें चली गई। लेकिन लोग धैर्यपूर्वक फिर भी इस काम का साथ दे रहे हैं और वह चाहते हैं कि उनका अयोध्या पूरे विश्व पटल पर एक अलग अयोध्या बनकर नजर आए। उन्होंने बताया कि व्यापार में अभी भी बहुत फर्क दिखता है। जिस तरह से यहां पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आवागमन है उससे यहां का व्यवसाय बढ़ा है। जब यह इंफ्रास्ट्रक्च र बन जाएगा तो यहां पर तमाम अवसर व्यापारियों के लिए ही तो होंगे।
अयोध्या नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर विशाल सिंह ने भी इस बारे में आईएएनएस को बताया कि अयोध्या विजन 2047 में अयोध्या के विकास के साथ-साथ अयोध्या आर्ट का भी एक विजन है। उसके तहत जितने भी पुराने फसाड हैं, मठ मंदिर हैं, प्रमुख सड़कें हैं, उनको भी अपग्रेड किया जा रहा है और फसाड इंप्रूवमेंट पर काम किया जा रहा है।
पूरे अयोध्या का एक फसाड का मॉडल बना कर बोर्ड के द्वारा अडॉप्ट किया गया है ताकि जो नवनिर्माण हो वह इसी के मुताबिक हो। उनके लिए फसाद गाइडलाइंस लागू रहेंगे उनका एक कलर कॉन्बिनेशन रहेगा। उस गाइडलाइंस के मुताबिक अगर बिल्डिंग कमर्शियल है तो उसमें क्या रंग रहेगा उसको भी बताया गया है। क्या डिजाइन होगा यह भी बताया गया है।
अगर रेसिडेंसियल है तो क्या चीजें रहेंगी, यह सब बताया गया है। सुंदर शहर के रूप में अयोध्या को विकसित किया जा रहा है। पेंट माय सिटी आयोजन शुरू हो चुका है। जिसके तहत अलग-अलग जगहों पर कई तरीके के चित्रकारियों को दीवारों, घरों पर रामकथा से जुड़ी हुई चीजें बनाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि अयोध्या के मकानों, यहां की हवेलियों, मठों, मंदिरों का अपना एक अलग स्टाइल है। हम उसी स्टाइल को दोबारा से फिर ला रहे हैं। सुंदर शहर बनाने के लिए फसाड का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है। इसीलिए नागरा स्टाइल में जो भी मकान घर तोड़े गए हैं उन्हें फिर से डिवेलप किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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