रायपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने अपशब्दों के उपयोग की निंदा की थी। सिंहदेव ने कहा कि तेजस्वी सही हैं, लेकिन किसी के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने घर में अपमानजनक व्यवहार की जांच कर लेनी चाहिए।
यह बयान उस वक्त आया है जब हाल ही में पीएम मोदी के खिलाफ बिहार के दरभंगा जिले में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया।
एनडीए में शामिल राजनीतिक दलों की ओर से राजद-कांग्रेस पर पीएम मोदी के अपमान करने का आरोप लगाया गया है। इसी कड़ी में गुरुवार को बिहार में बंद का ऐलान किया गया था।
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने आईएएनएस से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की भाषा के स्तर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से जनता को सुचिता, विदेश नीति, और सामाजिक माहौल, खासकर महिलाओं के प्रति सम्मान में अगुवाई की उम्मीद है।
उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, लेकिन भाजपा को भी अपने नेताओं और प्रवक्ताओं की भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए, ताकि राजनीतिक विमर्श का स्तर ऊंचा रहे।
उन्होंने जीएसटी स्लैब में सुधार को देरी से उठाया गया कदम बताया है, लेकिन यह स्वागत योग्य है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि जीएसटी स्लैब के सरलीकरण से लाभ होगा।
कांग्रेस कई वर्षों से इसकी वकालत करती रही है। उनके अनुसार, जीएसटी स्लैब को सरल करना चाहिए, क्योंकि दुनिया के किसी भी देश में इतने जटिल स्लैब नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि आखिरकार कांग्रेस, जो टैक्स स्लैब को कम करने के लिए मुहिम चला रही थी, उसमें सफलता मिली है। सरकार ने आखिरकार 12 प्रतिशत स्लैब को 5 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को 18 प्रतिशत में लाकर टैक्स दरों को कम किया है, और कुछ वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की नई दर लागू की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 18 प्रतिशत स्लैब को भविष्य में 16 प्रतिशत तक लाया जा सकता है।
उनके अनुसार, कम टैक्स स्लैब से लोग ज्यादा सामान खरीदते हैं, जिससे खपत बढ़ती है और राजस्व में वृद्धि होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस सुधार से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की कमी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने देरी से तो कदम उठाया है और इसका फायदा भी लिया जाएगा। लेकिन, मुझे लगता है कि जिस तरह से दिल्ली के विधानसभा चुनाव में लाभ हुआ, बिहार विधानसभा चुनाव में नहीं होगा।
–आईएएनएस
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