नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐप-आधारित ऋण सेवा में नए प्लेयर्स के आने से इसमें अब कम से कम कुछ महीनों के लिए बहुत धीमी वृद्धि देखी जा सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड खंड ने पिछले दो वर्षों में 22 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की है।
आरबीआई यह जांचने के लिए ऋणदाताओं पर बारीकी से नजर रखता है कि क्या किसी विशेष खंड में वृद्धि अधिक हो रही है।
सावधानी के तौर पर, यदि आरबीआई को चिंता महसूस होती है तो वह ऋणदाताओं को विकास को धीमा करने के लिए सूचित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि आरबीआई ने आवास ऋण और वाहन वित्त में उच्च वृद्धि के बारे में चेतावनी नहीं दी है क्योंकि इन ऋणों के लिए आनुषंगिक (कोलैटरल) बेहतर प्रतीत होता है, जबकि उपभोक्ता ऋण के लिए आनुषंगिक (कोलैटरल) कमजोर होता है।
आगे कहा गया, ”परिणामस्वरूप उपभोक्ता क्षेत्रों में चूक से ऋणदाताओं की लाभप्रदता में बाधा आ सकती है। इस कदम का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में हाल ही में देखी गई तेजी से वृद्धि को रोकना है। इस कार्रवाई से एनबीएफसी और डिजिटल फिनटेक ऋणदाता काफी प्रभावित होंगे क्योंकि उनके पास विविधीकृत बैलेंस शीट नहीं है।”
एनबीएफसी ग्राहकों पर लागत का बोझ डालने में सक्षम नहीं हो सकती हैं, जिससे निकट अवधि में मार्जिन पर कुछ दबाव पड़ सकता है।
आरबीआई ने मजबूत डेटा विश्लेषण और अनुमान प्रस्तुत किए हैं, जबकि डिफॉल्ट पर कोई ठोस डेटा नहीं है।
–आईएएनएस
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