चेन्नई, 11 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के कुडनकुलम में निर्माणाधीन 1,000 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र में मुख्य शीतलक पाइपलाइन की वेल्डिंग का काम इस महीने के आरंभ में पूरा हो गया। परियोजना का निर्माण करने वाली रूस की प्रमुख एकीकृत परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम ने शुक्रवार को यह बात कही।
रोसाटॉम के अनुसार, मुख्य शीतलक पाइपलाइन की वेल्डिंग दिसंबर 2022 में शुरू हुई थी जो 5 अगस्त को पूरी हो गई।
मुख्य शीतलक पाइपलाइन प्राथमिक सर्किट के मुख्य उपकरण को जोड़ती है, जिसमें रिएक्टर, भाप जनरेटर और रिएक्टर शीतलक पंप शामिल हैं। गुणवत्ता और परिचालन स्थितियों के लिए उच्च आवश्यकताओं को देखते हुए मुख्य शीतलक पाइपलाइन की वेल्डिंग संयंत्र के सिविल कार्यों के सबसे जटिल और महत्वपूर्ण चरणों में से एक है।
रोसाटॉम ने कहा, “यह रिएक्टर शीतलक पाइपलाइन है जो रिएक्टर में गर्म हुए पानी को भाप जनरेटर में ले जाती है, जहां से उत्पन्न भाप टरबाइन भाप पथ में जाती है, और टरबाइन जनरेटर बिजली उत्पन्न करता है।”
रूसी कंपनी ने कहा कि मुख्य शीतलक पाइपलाइन की कुल लंबाई लगभग 140 मीटर है, पाइप की दीवारों की मोटाई 70 मिमी है, और 28 वेल्डेड जोड़ों की कुल लंबाई 87 मीटर से अधिक है। कठिन वातावरण में यह 60 साल तक चलेगा।
भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र संचालक एनपीसीआईएल के पास कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट की दो इकाइयों से बिजली उत्पादन हो रहा है जबकि चार और इकाइयां निर्माणाधीन हैं। सभी छह इकाइयां रूसी तकनीक और रोसाटॉम द्वारा आपूर्ति किए गए उपकरणों से निर्मित हैं।
तीसरी और चौथी इकाइयों के निर्माण के लिए प्रमुख उपकरण रूस से कुडनकुलम पहुंच चुके हैं, जबकि पांचवीं और छठी इकाइयों के लिए बड़ी संख्या में घटक आने वाले हैं।
–आईएएनएस
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