गाजियाबाद, 5 सितंबर (आईएएनएस)। गाजियाबाद से एक मार्मिक खबर सामने आ रही है। एक 14 साल के बच्चे की कुत्ते के काटने के कारण मौत हो गई। बच्चे की मौत 4 सितंबर को हुई, वह भी एंबुलेंस के अंदर अपने पिता की गोद में तड़प-तड़प कर।
दरअसल, 3 सितंबर से ही पिता बच्चे को लेकर दिल्ली-एनसीआर के बड़े अस्पतालों के चक्कर काट चुके थे। जिसमें एम्स, सफदरजंग, जीटीबी और कई प्राइवेट हॉस्पिटल शामिल हैं।
लेकिन, सभी अस्पतालों ने इस बीमारी को लाइलाज घोषित कर दिया और हाथ खड़े कर दिए। अंत में बुलंदशहर में एक वैद्य के यहां दिखाकर लौटते समय बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया।
पीड़ित परिजनों की मांग है कि जिस महिला ने कुत्ते पाल रखे हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
पूरा मामला विजयनगर थाना क्षेत्र का है। यहां चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है। याकूब मेहनत-मजदूरी करके परिवार पालते हैं। उनका 14 साल का बच्चा शाहवेज कक्षा आठ में पढ़ता था।
1 सितंबर को उनके 14 साल के बेटे में अजीबो-गरीब दिक्कतें शुरू हो गई। उसको पानी देखकर डर लगने लगा। उसने खाना-पीना बंद कर दिया। कभी-कभी भौंकने जैसी आवाजें भी मुंह से निकलने लगी।
परिवार ने कुछ डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि उसे कुछ समय पहले किसी कुत्ते ने काटा होगा, जिसका इंफेक्शन अब ज्यादा फैल गया है।
बच्चे के दादा मतलूब अहमद ने बताया कि हमने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाली आंटी के कुत्ते ने उसे काट लिया था। डर के मारे उसने ये बात घर पर नहीं बताई। जिस वजह से बच्चे को तुरंत उचित इलाज नहीं दिया जा सका। जब बच्चे में लक्षण दिखने शुरू हो गए, तब हमें पता चला।
मतलूब अहमद ने बताया कि तीन दिन से हम लोग एम्बुलेंस लेकर जीटीबी दिल्ली, एम्स दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के हॉस्पिटल में घूमते रहे। किसी भी हॉस्पिटल ने हमारे पोते को भर्ती नहीं किया और उसे लाइलाज घोषित कर दिया।
किसी ने बताया कि देसी दवाइयों से बुलंदशहर में एक वैद्य इलाज करता है। सोमवार रात 8 बजे हम पोते को उस वैद्य के यहां दिखाकर एम्बुलेंस से गाजियाबाद लौट रहे थे। रास्ते में ही पोते ने दम तोड़ दिया।
–आईएएनएस
पीकेटी